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मुनीर के गुर्गे जुबैर ने क्या किया था? अलीगढ़ जेल में शिफ्ट होने के पीछे की पूरी कहानी
जुबैर, पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी मुनीर का दाहिना हाथ, दिल्ली की तिहाड़ जेल से अलीगढ़ जेल शिफ्ट हो गया है। 🌟 यह वही जुबैर है जिसने 2018 में आपसी रंगबाजी में एएमयू के हबीब हॉल के पास शाहबेज हत्याकांड के बाद फरार हुआ था। 💡 उस पर सिविल लाइन्स से 20 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ था। 🌟
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जुबैर कितना खतरनाक अपराधी है और उसका अपराधिक इतिहास क्या है?
बरला क्षेत्र के गांव नौसे हाल क्वार्सी निवासी जुबैर के अलावा उसके भाई यासिर, फहद व सद्दाम का अलीगढ़ व दिल्ली में आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। जिनमें सद्दाम की पान दरीबा में रेलवे मजिस्ट्रेट के गनर की हत्या कर लूटी गई सरकारी पिस्टल से जुड़े विवाद में मुनीर व जुबैर ने हत्या कर दी।
मुनीर के जेल जाने के बाद जुबैर ने शहर में मुनीर के गिरोह की कमान संभाली। 2018 में जुबैर का शाहबेज नाम के युवक से टकराव हुआ।
तभी उस पर लालडिग्गी पर गोली मारी। मगर उस समय वह बच गया व एक स्कूली छात्रा की गोली लगने से जान चली गई।
वरिष्ठ अधीक्षक कारागार बृजेंद्र सिंह यादव के अनुसार उसे संवेदनशील अपराधियों की श्रेणी में विशेष निगरानी में रखा गया है। लेकिन जुबैर का यह अपराधिक इतिहास क्या है? क्या उसने अपने अपराधिक जीवन में कुछ अच्छा किया है? और क्या वह अब बदल चुका है?
यह पूरी कहानी है जुबैर के अपराधिक इतिहास की, जिसके पीछे क्या कारण है, क्या वह क्या कर सकता था, और क्या वह अब कर रहा है।
यह एक ऐसी कहानी है जिसे आप नहीं जानते हैं। इसलिए, पड़ते रहें और जानें क्या है जुबैर के अपराधक जीवन की पूरी कहानी।