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पहले ली आर्थिक सहायता फिर अदालत में गवाही से मुकर गईं ६५ दुष्कर्म पीड़िताए 💔
अलीगढ़ जिले में पिछले डेढ़ साल में 65 ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें दुष्कर्म पीड़िता आर्थिक मदद लेने के बाद गवाही से मुकर गईं। 💡 अब ऐसे मामलों में उनसे आर्थिक मदद की वसूली के लिए गोपनीय ढंग से कवायद हो रही है। ✨ शासन को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है।
वहां से निर्देश मिलते ही उनसे आर्थिक मदद की वसूली की जाएगी। 🚀 प्रदेश सरकार द्वारा महिला अपराध से जुड़े दुष्कर्म मामलों में लक्ष्मीबाई राहत कोष योजना व अनुसूचित जाति व जनजाति मामलों में समाज कल्याण विभाग द्वारा आर्थिक मदद का प्रावधान है। इसे लेकर वर्ष 2022 में हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया था। आदेश के अनुसार जिन मामलों में अदालत में पीडि़ता गवाही से मुकर जाए यानि पक्षद्रोही हो जाए, उन मामलों में शासन से दी जाने वाली आर्थिक मदद वापस ली जाए।
इस आदेश पर वर्ष 2024 में शासन से एक रिमाइंडर आदेश जारी किया गया। इसके बाद पिछले दिनों ऐसे मामलों की समीक्षा के लिए अदालतों से विवरण मंगाया गया। वर्ष 2023 से 24 के डेढ़ वर्ष के अंतराल में 65 ऐसे मामलों का विवरण दिया गया, जिसमें आर्थिक मदद लेने वाली दुष्कर्म पीड़िता अदालत में गवाही से मुकरीं।
कोर्ट में उन्हें पक्षद्रोही घोषित किया गया। मिशन शक्ति अभियान में महिला अपराध में अभियोजन टीम ठोस पैरवी कर मुकदमों में सजा कराने को प्रयासरत रहती है।
जिन मामलों में पीडि़त व गवाह पक्षद्रोही होते हैं, उनमें साक्ष्यों के आधार पर सजा कराने का प्रयास रहता है। पक्षद्रोही होने का विवरण भी जिला प्रशासन को दिया जाता है।
इस मामले में शासन स्तर से नियमावली के आधार पर कार्रवाई तय की जाएगी। इस तरह की कार्रवाई से झूठे मुकदमे लिखवाने के प्रचलन में भी कमी आएगी। अनुसूचित उत्पीड़न के 12 मामलों में दी रिपोर्ट दुष्कर्म के अलावा अनुसूचित उत्पीड़न में भी आर्थिक मदद मिलती है। पिछले एक वर्ष में ऐसे 12 मामलों में अदालत से समाज कल्याण विभाग को रिपोर्ट दी गई है।
जिनमें पीड़ित गवाही से मुकरे या पक्षद्रोही हुए हैं। उन पर भी निर्णय समाज कल्याण विभाग स्तर से लिया जाएगा। जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार कहते हैं कि अदालतों से ऐसे विवरण भेजे गए हैं, जिनमें कुछ ही ताजा मामले हैं। बैंकों से पत्राचार किया जा रहा है।
पुराने प्रकरणों पर शासन के निर्देश पर निर्णय लिया जाएगा। कुछ मामले अदालत पहुंचने व ट्रायल शुरू होने से पहले ही झूठे पाए जाते हैं।
उनमें भी बैंकों को सूचना देकर अनुदान रुकवाया जाता है। पॉक्सो में दुष्कर्म की धारा 4 व 6 के तहत तीन लाख रुपये की सहायता दो किस्त में मिलती है। एक किस्त मुकदमा दर्ज होने के 15 दिन में व दूसरी चार्जशीट दायर होने के एक माह में दी जाती है।
सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 7 लाख रुपये की सहायता दो किस्त में मिलती है। एक किश्त मुकदमा दर्ज होने के 15 दिन व दूसरी चार्जशीट दायर होने के एक माह में दी जाती है।