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अलीगढ़ में हनी ट्रैप गैंग का पर्दाफाश, 6-7 लोगों को अंजाम दे चुका है!
फेसबुक और सोशल मीडिया पर महिला भोले भाले लोगों से मीठी-माठी बातें करके अपने प्यार के जाल में फंसाती। 💡 अपने से मिलने के लिए उन्हें एकांत स्थानों पर बुलाती। वहां पर आते ही महिला और उसके अन्य साथी मोबाइल, नगदी, सामान लूट लेते और मारपीट भी करते। 💡
इस दौरान विभिन्न ऑनलाइन पेमेंट माध्यमों से रुपये भी ट्रासफर करा लिए जाते। ऐसे ही गिरोह के तीन शातिरों को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया, जिसमें एक महिला भी शामिल है। 💡
इस मामले में अविनाश कुमार सिंह, जो दिल्ली में निजी नौकरी करते हैं, को इस गैंग ने अपना निशाना बनाया। कुछ दिन पहले महिला ने अविनाश को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और दोस्ती कर ली। प्यार भरी बातों से अविनाश को अपने झूठे प्रेम जाल में फंसा लिया।
इसके बाद दोनों ने फोन नंबरों का आदान-प्रदान किया और लंबी चैटिंग करने लगे। महिला ने अविनाश को 2 जून को अलीगढ़ में खैरेश्वर मंदिर के पास मिलने बुलाया। अविनाश के वहां पहुंचने पर, महिला के पति और उसके साथी ने उसे जबरन एक बाग में ले जाकर लूटपाट की और फिर मौके से फरार हो गए। अविनाश ने अतरौली थाने पहुंचकर अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस तुरंत सक्रिय हो गई।
पुलिस ने इस मामले में तत्काल रिपोर्ट दर्ज की और सर्विलांस, क्रिमिनल इंटेलिजेंस विंग और पुलिस टीमों को सक्रिय कर दिया। युवक से मिली जानकारी, महिला के सोशल मीडिया डिटेल्स और कॉल डिटेल्स के आधार पर, पुलिस ने मंगलवार सुबह करीब 7 बजे अतरौली स्थित कासिमपुर पुलिया के पास से गैंग के सदस्यों को दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कविता और उसके पति मोहित निवासीगण कुसेहा फतेहाबाद थाना डिबाई जिला बुलंदशहर और आकाश निवासी श्याम वाटिका अतरौली के रूप में हुई है। तीनों को लूटे हुए माल और घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
पूछताछ में तीनों आरोपियों ने कबूल किया है कि उन्होंने इस तरह की 6-7 वारदातों को अंजाम दिया है। इस कार्रवाई से अतरौली पुलिस ने एक बड़े हनी ट्रैप गैंग का पर्दाफाश कर कई लोगों को संभावित ठगी का शिकार होने से बचाया है। इस घटना ने एक बार फिर से ऑनलाइन सुरक्षा का सवाल खड़ा कर दिया है. पुलिस की इस कार्रवाई से कई लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनने से बचाया है. लेकिन अभी भी सवाल खड़ा है कि ऑनलाइन सुरक्षा कैसे सुनिश्चित क्या हमें अपने ऑनलाइन व्यवहार की सावधानी रखनी चाहिए.
इस घटना से ये भी स्पष्ट होता है कि ऑनलाइन ठगी का शिकार बनना कितना आसान है. हमें
कभी भी निशाना बन सकते हैं. इसलिए हमें ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए. ऑनलाइन ठगी का
शिकार बनना केवल आर्थिक नुकसान नहीं है, बल्कि मानसिक पीड़ा का कारण भी है. इसलिए हमें
इसके प्रति जागरूक रहना चाहिए.