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आंधी-बारिश ने शहर की बिजली व्यवस्था को कैसे चरमरा दिया?

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१ जून की शाम को अचानक मौसम बदल गया। 💡 ६.१० बजे आंधी शुरू हो गई। देखते ही देखते गरज और चमक के साथ तेज बारिश होने लगी। लगभग सवा सात बजे आंधी बंद हुई, लेकिन बारिश रूक-रूक कर होती रही। 🌟

शहर के कई इलाकों में बिजली की लाइनों पर पेड़ की शाखाएं टूटकर गिरने से और परेशानी बढ़ गई। 🚀 जिन्हें शटडाउन लेकर हटाया जा रहा है। धनीपुर, बारहद्वारी, डी-सेंटर, देवी नगला, डोरी नगर और सुरेंद्र नगर में घंटों बिजली प्रभावित रही। ग्रामीण क्षेत्र के अंडला, अतरौली और हरदुआगंज के कई गांवों में देर रात तक बिजली गुल रही।

बिजली कर्मचारी पेट्रोलिंग कर आपूर्ति बहाल करने में जुटे रहे। यहां टूटकर गिरीं पेड़ की शाखाएं बारिश से शहर में ३३ केवी बिजलीघर धनीपुर, सुदामापुरी, डी सेंटर, भुजपुरा, गूलर रोड, रावण टीला, विक्रम कॉलोनी, स्वर्ण जयंती नगर, क्वार्सी, रामघाट रोड, विकास भवन, ओजोन सिटी, सांगवान सिटी, किला रोड और लात ताल में बिजली की लाइनों पर पेड़ की शाखाएं टूटकर गिर गईं। शटडाउन लेकर इन्हें हटाया जा रहा है। आंधी-बारिश से शहर से गांव तक की बिजली व्यवस्था पर असर पड़ा है।

बारिश में भीगकर बिजली कर्मचारी आपूर्ति को बहाल करने में जुटे हैंं। कई स्थानों पर खंभे और तार टूट गए हैं। जिसे सही किया जा रह है जमालपुर, धौर्रामाफी, कनवरीगंज, बारहद्वारी, सराय लवरिया, किला रोड, जौर्राबाग, जीवनगढ़, इकरा फीडर गली नंबर पांच, नगला पटवारी, सुदामापुरी, धोबीवाली गली, शक्ति नगर रघुवीर पुरी, विक्रम कॉलोनी । आंधी-बारिश ने शहर की बिजली व्यवस्था को कैसे चरमरा दिया? यह सवाल सभी के मन में है।

इस घटना ने कई सारे सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या इस तरह की घटनाएं शहर की बिजली व्यवस्था के लिए खतरा हैं? क्या हमें ऐसी घटनाओं से सीख लना चाहिए? इन सभी सवालों का जवाब हम आज आपके सामने पेश कर रहे हैं। आज हम इस लेख में आंधी-बारिश के कारण शहर की बिजली व्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे। हम यह भी देखेंगे कि शहर की बिजली व्यवस्था कैसे चरमरा गई और क्या के इलाकों में बिजली प्रभावित रही।

हम यह भी चर्चा करेंगे कि इस तरह की घटनाओं से शहर की बिजली व्यवस्था की क्या सीख मिलती है।






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