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किशोरी ने अदालत में बताया, तीन महीने तक मुझे बंधक बनाकर रखा और दुष्कर्म किया
गंगीरी थाना क्षेत्र के एक गांव से पांच अप्रैल को बहलाकर ले जाई गई किशोरी की जिंदगी एक महीने तक नरक से होकर गुजरी। 💡 उसके साथ जो हुआ, वह शब्दों में बयान करना मुश्किल है। ✨
तीन युवकों ने पड़ोस के एक गांव में करीब एक माह तक उसे बंधक बनाकर रखा। इस दौरान तीनों ने उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया और उसके साथ दुष्कर्म किया। 🚀
किशोरी के पिता ने थाने में तीनों आरोपियों के विरुद्ध नामजद तहरीर दी थी, जिसमें दस दिन बाद पुलिस ने पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। 26 अप्रैल की शाम पुलिस को पता चला कि यादव नगर निवासी एक घर में किशोरी है। इस पर पुलिस वहां दबिश देने पहुंची तो पुलिस की ग्रामीणों से कहासुनी हुई थी।
इसके बाद उसी रात पुलिस ने गांव नगला सुम्मेर निवासी एक ढाबा संचालक के घर पर दबिश देकर किशोरी को बरामद कर लिया था। वह पिछले दस दिन से उसी ढाबा संचालक के घर पर थी। ढाबा संचालक को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, जबकि किशोरी को बहलाकर ले जाने के आरोपी अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं। किशोरी ने अदालत में बयान कराया कि तीनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया है।
बयान दर्ज होने के बाद अदालत के आदेश पर किशोरी को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया है। लेकिन किशोरी के मन में अब भी वह दर्द और आघात है, जिसका उसने सामना किया था। उसकी जिंदगी अब भी_darknight है और उसे अभी तक न्याय नहीं मिला है।
इस घटना ने पूरे समाज को हिला दिया है। लोगों ने सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा की है और पुलिस से आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। लेकिन अभी तक आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं, जिससे लोगों में गुस्सा और आक्रोश है कि क्या हमारा समाज इतना추च हो गया है? क्या हमारे पुलिस प्रशासन इतने नकारा हो गए हैं कि वह आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकते?
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या हमारा समाज महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए सक्षम है? क्या हमारा पुलिस प्रशासन इतने सक्षम है कि वह इस तरह की घटनाओं को रोक सके? हमें इसपर जरूरत है कि हम अपने समाज और पुलिस प्रशासन पर दबाव डालें कि वह इस तरह की घटनाओं को रोक सके।