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अप्रैल में बिजली घरों पर 'चोर मचाता शोर! क्या 90 लाख की चोरी का राज खुला?
अलीगढ़, मैनपुरी और हाथरस के बड़े बिजली घरों पर दो साल से चोरियां हो रही हैं। ✅ चोरी भी केबल, कॉपर और कंडक्टर की ही होती है। ✅
वर्ष 2024 में भी मार्च क्लोजिंग के बाद चोरियां उजागर हुईं और इस साल 2025 में भी यही स्थिति सामने आई है। अभी तक जो मोटा-मोटा आंकड़ा आया है वह 90 लाख की चोरी का है। इन चोरियों से सबसे बड़ा सवाल है कि इन चोरियों का खुलासा कब हुआ? क्या इनका पता मार्च क्लोजिंग में ही हुआ है? और क्या इन चोरियों से प्रभावित लोगों को न्याय मिल पाएगा?
अलीगढ़ में अनूपशहर रोड स्थित 132 केवी बिजली घर पर अप्रैल 2024 में चोरी हुई। 🌟 15 लाख की कीमत के केबल चोरी चले गए।
यहां पर अवर अभियंता राहुल कुमार की तैनाती थी। खुलासा भी तब हुआ जब मार्च क्लोजिंग में स्टॉक को क्लीयर कराया गया। विभागीय रिकार्ड में बिजली उपकरण की चोरी दर्शाया गया है।
हाथरस के 132 केवी बिजली घर हसायन में भी अप्रैल 2024 में चोरी हुई। बिजली घर से करीब 15 लाख रुपये का कंट्रोल केबल चोरी हो गया।
मार्च क्लोजिंग के बाद ही यहां भी विद्युत उपकरणों की चोरी सामने आई। इसे भी रिकार्ड में दर्ज कराया गया। बताया गया कि कंट्रोल केबल को चोरी कर लिया गया है। मैनपुरी के 132 केवी बिजली घर अलीगंज पर अप्रैल 2025 में चोरी हुई।
मार्च क्लोजिंग के बाद स्टॉक का मिलान कराया गया तब खुलासा हुआ । पता चला कि यहां से कॉपर की चोरी हुई है। इसकी भी कीमत करीब 10 लाख रुपये आंकी गई।
यहां पर जेई अमित की तैनाती थी। दोबारा चोरी होने पर एसई ने सस्पेंड कर दिया। अलीगढ़ के 220 केवी बोनेर बिजली घर से भी अप्रैल 2025 में चोरी हुई।
यहां से लगभग तीन से चार किलोमीटर का कंडक्टर चोरी हो गया। एक किलोमीटर कंडेक्टर की कीमत लगभग 10 लाख रुपये है। यह कंडक्टर एल्युमीनियम का होता है। विभागीय रिकार्ड में इसे भी चोरी बताकर प्रकरण को खामोश कर दिया गया।
ऐसे सवाल उठना भी लाजमी है। अलीगढ़ के 220 केवी बोनेर बिजली घर से लगभग तीन से चार किलोमीटर का कंडक्टर चोरी हो गया। एक किलोमीटर कंडक्टर की कीमत लगभग 10 लाख रुपये है।
यह कंडक्टर एल्युमीनियम का होता है। लगातार दो साल से अप्रैल माह में हो रही चोरियों की जांच कराई जाएगी। इसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मेरे पास अलीगढ़ का अतिरिक्त चार्ज है।
इन चोरियों ने पूरे बिजली विभाग की पोल खोल दी है। और यह स्पष्ट है कि विभाग ने इन चोरियों की पूरी जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। सवाल है कि क्या इन चोरियों के पीछे कोई बड़ा राज है? क्या इन चोरियों के लिए कोई बड़ा षड्यंतकारी है? और क्या इन चोरियों से प्रभावित लोगों को न्याय मिल पाएगा?