स्वास्थ्य

स्वास्थ्य संकट: अलीगढ़ के अस्पताल में 10 साल से स्किन का कोई डॉक्टर नहीं!

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अलीगढ़ के मलखान सिंह जिला अस्पताल में पिछले दस साल से स्किन का कोई डॉक्टर नहीं है। यह स्थिति तब है जब हर रोज स्किन के तीस मरीज यहां आ रहे हैं। वहीं हृदय रोग विशेषज्ञ के भी दो पद स्वीकृत हैं, लेकिन एक भी डॉक्टर की तैनाती नहीं है। 💡 तीन साल से फिजिशियन का इंतजार भी अस्पताल प्रशासन कर रहा है।

जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 1400-1500 मरीज आते हैं। मगर अस्पताल में स्वीकृत 43 डॉक्टराें के सापेक्ष 24 डॉक्टरों के पद रिक्त हैं। 🔥 स्किन रोग के डॉक्टर न होने की वजह से मरीजों को लौटना पड़ता है। 💡 उन्हें निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है, जिस पर उनकी जेब पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

इसी तरह नियमित दो पैथोलॉजिस्ट लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। हालांकि, वर्तमान में जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम के तहत 12 जूनियर रेजीडेंट चिकित्सालय में सेवाएं दे रहे हैं। एक रिश्तेदार के दाहिने हाथ में खुजली होती थी, जिन्हें दिखाने आए थे। कर्मचारियों ने बताया कि स्किन के डॉक्टर की तैनाती नहीं है।- सर्दी-जुकाम से पीड़ित थे, जिसका उपचार होना था।

जिला अस्पताल में फिजिशियन डॉक्टर नहीं हैं। मुझे निजी अस्पताल में दिखाना पड़ा। अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 1400 से 1500 मरीज आते हैं।

इस हिसाब से डॉक्टरों की कमी महसूस होती है। डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए शासन को पत्राचार किया जा चुका है। पैरामेडिकल स्टाफ के पद खाली उप नर्सिंग अधीक्षक, सहायक नर्सिंग अधीक्षक के एक-एक, वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के 9, नर्सिंग अधिकारी 10, नर्सिंग अधिकारी (राहत कोष) के 3 पद रिक्त हैं। टेक्निकल स्टाफ के 8 में से 6 पद रिक्त हैं।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 89 में से 37 पद रिक्त हैं। फिजिशियन 2 - 2 चेस्ट फिजिशियन 1 - 1 स्किन 1 - 1 कार्डियोलॉजिस्ट 2 - 2 ईएनटी 2 1 1 एनेस्थेटिस्ट 1 - 1 जनरल सर्जन 2 - 2 यह स्वास्थ्य संकट अलीगढ़ के लिए एक बड़ी चुनौती है। स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से मरीजों को निजी अस्पताल में जाना पड़ता है, जहां उनकी जेब पर आर्थिक बोझ पड़ता है।

सरकार को इस स्वास्थ्य संकट का समाधान करना चाहिए, ताकि लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।






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