अपराध

कर्ज के जाल में फंसा किसान! दो बैंकों से लिया लाखों का ऋण, फिर जमीन भी बेच दी

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सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव जिमिसपुर निवासी रनंजय प्रताप पुत्र रामनरेश ने धोखाधड़ी कर किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत दो बैंकों से लाखों रुपये का ऋण ले लिया और भूमि को भी बेच दिया। 🔥 आरोपी के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर प्रबंधक ने धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। यह पूरा मामला 18 मई 2015 को शुरू हुआ जब रनंजय प्रताप ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत आर्यावर्त बैंक की रतिभानपुर शाखा से अपनी भूमि को बंधक रखकर चार लाख रुपये का ऋण लिया था। 🔥

लेकिन आरोपी ने बैंक का ऋण जमा नहीं किया और उसने पुनः बंधक भूमि को केनरा बैंक रतिभानपुर शाखा में बंधक रखकर चार लाख रुपये का ऋण ले लिया। 🔥 वसूली की कार्रवाई के दौरान पता चला कि आरोपी ने बंधक भूमि को 17 नवंबर 2023 में बेच भी दिया, जबकि बंधक भूमि को बेचने का आरोपी को कोई अधिकार नहीं है। सवाल यह है कि बैंक कर्ज देने से पहले बंधक रखी गई भूमि के तहसील के बारह साला रिकॉर्ड को देखती है, फिर कैसे आरोपी को दो बार ऋण मिल गया। यह घटना न केवल आरोपी के खिलाफ बल्कि पूरे बैंकिंग सिस्टम पर भी सवाल खड़े करती है।

क्या बैंक इतने लापरवाह हैं कि वे ऋण देने से पहले बंधक रखी गई भूमि के तहसील के बारह साला रिकॉर्ड को नहीं देखते? क्या यह सारा मामला बैंकिंग घोटाले का हिस्सा है? यह मामला न केवल आरोपी के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए खतरा है। अगर बैंक इतने लापरवाह हैं तो फिर समाज में किसानों की जमीन की सुरक्षा कैसे होगी? क्या यह सारा मामला बैंकिंग सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार का नतीजा है? इन सवालों के जवाब की तलाश की जानी चाहिए। सरकार और बैंकिंग सYSTEM को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए जो बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग करते हैं।

केवल तभी हम अपने समाज में कानून और व्यवस्था बहाल कर सकते हैं।






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