स्वास्थ्य

क्या मरीजों के हालात इतने बदतर हो सकते हैं?

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अलीगढ़ के डीडीयू अस्पताल में एक दिन की घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की पोल खोल दी है। मोहित कुमार नाम के एक युवक के दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया और वह एक्सरे कराने के लिए बुधवार को डीडीयू अस्पताल पहुंचे।

लेकिन उनके साथ क्या हुआ, वह काफी हैरान करने वाला है। डेढ़ घंटे तक वे इंतज़ार करते रहे लेकिन स्ट्रेचर नहीं मिला और उन्हें घिसटते हुए एक्सरे रूम में जाना पड़ा。 यह घटना सिर्फ मोहित की नहीं है बल्कि अलीगढ़ के डीडीयू अस्पताल में आने वाले मरीजों की भी है। ✨ सुबह 8 बजे से डीडीयू में पर्चा बनवाने के लिए काउंटर पर मरीजों और तीमारदारों की भीड़ लगी थी।

ओपीडी में करीब 1300 मरीज आए थे। ✨ डॉक्टर अनिल कुमार मौर्य के कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी कतार लगी थी। 💡 सुबह 9 बजे से सुबह 11 बजे तक कतार में लगे गभाना के रामप्रकाश (55) की तबीयत बिगड़ गई। ब्लड प्रेशर बढ़ने से वहीं कुर्सी पर ही लेट गए।

गर्मी की वजह से तीन मरीजों की हालत भी बिगड़ गई। यह सिर्फ एक दिन की घटना नहीं है, बल्कि अलीगढ़ के स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का एक उदाहरण है। मरीजों की परेशानी सुनी जा रही है और डॉक्टरों की लापरवाही से मरीजों की जान खतरे में पड़ती है। स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं।

अस्पताल में स्ट्रेचर की सुविधा है लेकिन अगर मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिलता है, तो यह गंभीर मसला है। मरीज न देखने वाले डॉक्टर से जवाब-तलब किया जाएगा।

ऑनलाइन पर्चा बनवाने के लिए किसी को नहीं रखा गया है। यह सिर्फ एक सवाल है कि क्या अस्पताल सुविधाएं मरीजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं?






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