राजनीति

जातिगत जनगणना से अलीगढ़ जिले में सियासी प्रभुत्व का पर्दा हटेगा!

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जातिगत जनगणना का इंतजार पूरे देश में है, खासकर अलीगढ़ जिले में जिसकी औसत आबादी 45 लाख है. इस जिले में जातियों का सियासी प्रभुत्व काफी महत्वपूर्ण है, और जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद ये साफ हो जाएगा. अलीगढ़ जिले में सर्वाधिक संख्या वाली जातियां मुस्लिम, ब्राह्मण, जाट, ठाकुर, जाटव, वैश्य, लोधी और यादव हैं. इन जातियों का सियासी प्रभुत्व जिले में काफी समय से है. लेकिन अब जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद ये साफ हो जाएगा कि किस जाति का सियासी प्रभुत्व सबसे अधिक है. अलीगढ़ जिले में जातिगत आंकड़े सियासी सर्वे के अनुसार सिर्फ अनुमानित हैं. लेकिन अब जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने पर ही सामने आएंगे. इसके अनुसार सामाजिक व राजनीतिक प्रभाव देखने को मिलेगा. अलीगढ़ जिले में क्षेत्रवार जातियों का अलग अलग प्रभाव है. किसी क्षेत्र में मुस्लिम, किसी में ठाकुर, किसी में जाट, लोधी व यादव व ब्राह्मण प्रभाव में रहते आए हैं. पहली बार जातिगत जनगणना हो रही है, जो निश्चित रूप से राजनीतिक व सामाजिक प्रभाव बदलेंगे. जातिगत गणना के लिए शासन से अभी कार्यक्रम जारी हुआ है. जिसमें प्रशिक्षण आदि होंगे. बाकी जिस तरह निर्देश मिलेंगे, उसके अनुसार आगे काम किए जाएंगे. अभी तक सरकारी स्तर पर कोई जातिगत आंकड़ा नहीं रहता है. अलीगढ़ जिले की 45 लाख औसत आबादी वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अलीगढ़ जिले की कुल आबादी 36,73,889 है. जिसमें 19,51,996 पुरुष और 17,21,893 महिलाएं हैं. वहीं 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों की संख्या 5,74,509 है. मगर दस वर्ष के आबादी वृद्धि दर 22.80 फीसदी के औसत के अनुसार अब आबादी 45 लाख मानी जाती है. वर्ष 2022 के आंकड़ों के अनुसार जिले की मतदाता संख्या 27,64,934 रही, जिसमें पुरुष संख्या 14,63,833 व महिला संख्या 12,91,930 है. वर्ष 2022 के विभिन्न राजनीतिक दलों के अनुमानित सर्वे के अनुसार जिले में 4 से 4.50 लाख मुस्लिम, 3 से 3.50 लाख ब्राह्मण, 3 से 3.50 लाख जाट, 3 लाख ठाकुर, 3 लाख जाटव, 2.75 से 3 लाख वैश्य, 1.50 लोधी, 1.50 यादव, 1 से 1.50 बघेल अनुमानित थोक मतदाता हैं. इसके अलावा अन्य में कायस्थ,पंजाबी, जैन, वाल्मीकि, कश्यप-कुशवाहा, कोरी, खटीक, धोबी, अहेरिया, बंजारा, मल्लाहा, सैनी-माली आदि जातियों के मतदाता भी जिले में छोटे-छोटे पॉकेट में अलग अलग हिस्सों में हैं. अलीगढ़ जिले में जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद सियासी प्रभुत्व का पर्दा हटेगा. जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद अलीगढ़ जिले में जातियों के सियासी प्रभुत्व का पता चलेगा. इससे अलीगढ़ जिले में सियासी प्रभुत्व का संतुलन बदलेगा, और जातियों के सियासी प्रभुत्व का नया चेहरा सामने आएगा. अलीगढ़ जिले में जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद सियासी प्रभुत्व का पर्दा हटेगा, और जातियों के सियासी प्रभुत्व का नया चेहरा सामने आएगा. ✨






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