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अलीगढ़ में कोविड उल्लंघन के मुकदमे वापस! लेकिन 1100 लोगों को ना मिली राहत
लॉकडाउन और कोविड नियमों का उल्लंघन एक बड़ा मुद्दा था जिसका सामना अलीगढ़ जिला करना पड़ा था। यह उस दौरान हुआ था जब लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने की इजाज़त नहीं थी और उन्हें नियम कायदे कानून के तहत अपना कारोबार करना पड़ता था। लेकिन जब लोग इन नियमों का उल्लंघन करते थे तब पुलिस द्वारा मुकदमे दर्ज किए जाते थे। ✨
इन मुकदमों में वे लोग शामिल थे जिन्होंने लॉकडाउन उल्लंघन किया था और साथ ही साथ अन्य नियमों का उल्लंघन किया था। इन मुकदमों में से 868 मुकदमे वापस लिए गए हैं और 1000 लोगों को राहत मिली है। ✨
लेकिन 500 मुकदमे ऐसे हैं जिनमें 1100 लोगों को राहत नहीं मिलेगी। ये मुकदमे सिर्फ 2 साल तक की सजा के थे।
इनकी वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। 🌟 कुछ मुकदमे ऐसे हैं जिनमें कोविड उल्लंघन के साथ अन्य धाराएं शामिल हैं और इन मुकदमों में वापसी की प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है। इन मुकदमों में वापसी की प्रक्रिया पिछले डेढ़ माह में पूरी हुई है और शासन को इस संबंध में रिपोर्ट भी भेजी गई है। डेढ़ माह पहले आए रिमाइंडर पर प्रक्रिया हुई तेज और सरकार के वाद वापसी के निर्देश पर अदालतों में लंबित मुकदमों को लेकर डेढ़ माह पहले फिर से रिमाइंडर आया।
जिसमें कहा गया कि जिन जिलों में मुकदमे वापस नहीं हुए। अभी उनमें समन जारी हो रहे हैं, उनकी वापसी की प्रक्रिया पूरी की जाए।
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सत्यानंद सिंह ने बताया कि इस प्रक्रिया में अब तक 868 मुकदमों को वापस लिया गया है, जिनमें कोविड उल्लंघन के अलावा अन्य कोई आरोप नहीं है। ये मुकदमे सिर्फ 2 साल तक की सजा के थे।
इनकी वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। कुछ रह गए हैं तो उनमें प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी। जिन मुकदमे में अन्य कोई भी धारा शामिल है तो उनमें वापसी की प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही।
ऐसे 500 करीब मुकदमे हैं, जिनमें करीब एक हजार लोग आरोपी हैं। उन्हें इस शासनादेश के तहत भी मुकदमे से राहत नहीं मिलेगी।
उन्हें मुकदमे में कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।