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जब पुलिस ने की अनदेखी, लाचार हुए व्यापारी... डेढ़ घंटे तक मारपीट, जान बचायी मुश्किल से
अलीगढ़ में एक दिल दहला देने वाली घटना में चार मीट व्यापारियों को भीड़ के हत्थे चढ़ा दिया गया। ✨ इस घटना में पुलिस की लापरवाही साफ दिखी।
मीट व्यापारी अपने साथ हुए घटनाक्रम की दास्तान बताते हुए रोने लगे। ✨ उन्होंने बताया कि हमलावरों ने पुलिस के सामने ही उन्हें पीटा।
दो पुलिस कर्मी मौके पर मौजूद थे, लेकिन हमलावरों के सामने लाचार खड़े रहे। 🚀 पीड़ित पुलिस की 112 नंबर गाड़ी में घुसे, लेकिन हमलावरों ने पीड़ितों को गाड़ी में से भी खींच लिया। घायल अकील ने बताया कि हमलावरों ने चारों को पीटना शुरू कर दिया। बोले 50 हजार रुपये दो और गाड़ी ले जाओ।
हमने कहा इतने पैसे तो हमारे पास नहीं है। इस दौरान 112 नंबर गाड़ी वहां से गुजरी, हमने उसे रोका तो वह नहीं रुकी। हमलावर रुक रुक कर पीटते रहे।
20 मिनट बाद गाड़ी वापस आई। हम लोग गाड़ी की ओर जान बचाने के लिए दौड़े। गाड़ी में घुस गए लेकिन पुलिस वालों ने हमें गाड़ी से बाहर निकाल दिया। घायल अरबाज ने बताया कि हमलावरों ने हमारे हाथ से फैक्टरी का बिल और पर्ची छीन कर फाड़ दी।
मोबाइल और पैसे छीन लिए। इसके बाद लोहे की रॉड आदि से मार लगाना शुरू कर दिया। डेढ़ घंटे तक मारपीट करने के बाद एक अन्य गाड़ी पुलिस की आई जिसके बाद उनकी जान बच सकी। एक अन्य घायल कदीम ने बताया कि जब हमलावर पीट रहे थे तो बचने के लिए पुलिस की गाड़ी में घुसे थे लेकिन हमलावरों ने पीछे का दरवाजा खोलकर हमें बाहर खींच लिया।
इस दौरान दो पुलसि वाले खड़े थे। अलीगढ़ में मीट व्यापारियों के साथ हुए घटनाक्रम ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। मीट व्यापारियों ने बताया के वे अल अम्मार फैक्टरी से मीट की गाड़ी लेकर अतरौली जा रहे थे।
पैनेटी के पास हमलावरों की मोटरसाइकिलें पीछे लग गईं। उन्होंने आगे से रोक लिया। पूछा तो बता दिया कि गाड़ी में मीट है। बताया हमारे पास कागज भी हैं।
डॉक्टरी रिपोर्ट भी है। यह घटना अलीगढ़ में मीट व्यापारियों के साथ हुए घटनाक्रम की दास्तान है। मीट व्यापारियों ने बताया कि वे अल अम्मार फैक्टरी से मीट की गाड़ी लेकर अतरौली जा रहे थे। पैनेटी के पास हमलावरों की मोटरसाइकिलें पीछे लग गईं।
उन्होंने आगे से रोक लिया। पूछा तो बता दिया कि गाड़ी में मीट है। बताया हमारे पास कागज भी हैं।
डॉक्टरी रिपोर्ट भी है। यह घटना मीट व्यापारियों के साथ हुए घटनाक्रम की दास्तान है।
मीट व्यापारियों ने बताया कि वे अल अम्मार फैक्टरी से मीट की गाड़ी लेकर अतरौली जा रहे थे। पैनेटी के पास हमलावरों की मोटरसाइकिलें पीछे लग गईं।
उन्होंने आगे से रोक लिया। पूछा तो बता दिया कि गाड़ी में मीट है। बताया हमारे पास कागज भी हैं। डॉक्टरी रिपोर्ट भी है।
यह घटना अलीगढ़ में मीट व्यापारियों के साथ हुए घटनाक्रम की दास्तान है। मीट व्यापारियों ने बताया कि वे अल अम्मार फैक्टरी से मीट की गाड़ी लेकर अतरौली जा रहे थे।
पैनेटी के पास हमलावरों की मोटरसाइकिलें पीछे लग गईं। उन्होंने आगे से रोक लिया। पूछा तो बता दिया कि गाड़ी में मीट है।
बताया हमारे पास कागज भी हैं। डॉक्टरी रिपोर्ट भी है।
यह घटना मीट व्यापारियों के साथ हुए घटनाक्रम की दास्तान है। मीट व्यापारियों ने बताया कि वे अल अम्मार फैक्टरी से मीट की गाड़ी लेकर अतरौली जा रहे थे।
पैनेटी के पास हमलावरों की मोटरसाइकिलें पीछे लग गईं। उन्होंने आगे से रोक लिया। पूछा तो बता दिया कि गाड़ी में मीट है। बताया हमारे पास कागज भी हैं।
डॉक्टरी रिपोर्ट भी है। यह घटना मीट व्यापारियों के साथ हुए घटनाक्रम की दास्तान है। मीट व्यापारियों ने बताया कि वे अल अम्मार फैक्टरी से मीट की गाड़ी लेकर अतरौली जा रहे थे।
पैनेटी के पास हमलावरों की मोटरसाइकिलें पीछे लग गईं। उन्होंने आगे से रोक लिया।
पूछा तो बता दिया कि गाड़ी में मीट है। बताया हमारे पास कागज भी हें। डॉक्टरी रिपोर्ट भी हें।
इस घटना में अलीगढ़ की पुलिस ने लापरवाही दिखाई और मीट व्यापारियों के साथ हुए घटनाक्रम में हाथापायी का केस दर्ज कर लिया। मीट व्यापारियों ने बताया कि वे अल अम्मार फैक्टरी से मीट की गाड़ी लेकर अतरौली जा रहे थे। पैनेटी के पास हमलावरों की मोटरसाइकिलें पीछे लग गईं। उन्होंने आगे से रोक लिया।
पूछा तो बता दिया कि गाड़ी में मीट है। बताया हमारे पास कागज भी हें। डॉक्टरी रिपोर्ट भी हें।
अब सवाल यह है कि अलीगढ़ में पुलिस की लापरवाही का नतीजा यह है कि मीट व्यापारियों के साथ हुए घटनाक्रम में पीड़ितों की जान बचाना मुश्किल हो गया है। मीट व्यापारियों ने बताया कि वे अल अम्मार फैक्टरी से मीट की गाड़ी लेकर अतरौली जा रहे थे। पैनेटी के पास हमलावरों की मोटरसाइकिलें पीछे लग गईं। उन्होंने आगे से रोक लिया।
पूछा तो बता दिया कि गाड़ी में मीट है। बताया हमारे पास कागज भी हें। डॉक्टरी रिपोर्ट भी हें।
यह घटना अलीगढ़ में मीट व्यापारियों के साथ हुए घटनाक्रम की दास्तान है। मीट व्यापारियों ने बताया कि वे अल अम्मार फैक्टरी से मीट की गाड़ी लेकर अतरौली जा रहे थे। पैनेटी के पास हमलावरों की मोटरसाइकिलें पीछे लग गईं। उन्होंने आगे से रोक लिया।
पूछा तो बता दिया कि गाड़ी में मीट है। बताया हमारे पास कागज भी हें। डॉक्टरी रिपोर्ट भी हें।