समाज

ग्रामीणों की हिंसा का शिकार अनुसूचित जाति का दूल्हा!

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अतरौली के गांव काजिमाबाद में एक शादी समारोह में अचानक हुए एक घटना ने सबको हैरान कर दिया. अनुसूचित जाति के दूल्हे की कार का पहिया अचानक एक दस वर्षीय बालक के पैर पर चढ़ गया. इससे गुस्साए ग्रामीणों ने बरातियों पर हमला बोल दिया. दूल्हे और उसके दोस्त को कार से निकालकर पीटा. कार में भी तोड़फोड़ की. घायलों का सीएचसी में प्राथमिक उपचार कराया गया है. दो वर्गों के बीच तनाव के चलते पुलिस मौके पर पहुंच गई. इस घटना के पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है. काजिमाबाद गांव में एक शादी समारोह में सत्यपाल की बेटी की बरात khurja के गांव महरुपुर से आई थी. बरात आंबेडकर पार्क स्थित धर्मशाला से चढ़नी थी. दूल्हा करन सिंह और उसका दोस्त अभिषेक कार से आए थे. दुल्हन के पिता सत्यपाल ने बताया कि कार धर्मशाला के पास पहुंची तो कार के आगे बढ़ने की जगह नहीं थी. चालक ने कार को बैक किया तो कार का पहिया पीछे खड़े एक दस वर्षीय बालक के पैर पर चढ़ गया. इस पर अनुसूचित जाति और लोधा राजपूत पक्ष के लोग आमने-सामने आ गए. पहले दोन पक्षों में कहासुनी हुई, फिर गुस्साए लोगों ने कार में तोड़फोड़ कर दी. दूल्हे व उसके दोस्त को कार से खींच लिया और पीटने लगे. दूल्हे के कपड़े फट गए, वरमाला टूट गई. बरातियों में भगदड़ मच गई. सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई. घायलों को सीएचसी लाया गया, जहां चिकित्साधिकारी डॉ. खालिद ने बताया कि दोनों को मामूली चोट आई है. प्राथमिक उपचार के बाद दोनों काजिमाबाद चले गए हैं. वर पक्ष ने दूल्हे के साथ लूटपाट करने का भी आरोप लगाया है. इस दौरान कपड़े फटने से नाराज दूल्हा गांव से चला गया. बाद में उसे समझा बुझाकर वापस लाया गया. थाना प्रभारी सत्यवीर सिंह ने इस संबंध में बताया कि बरात में कार का पहिया चढ़ने को लेकर मामूली झगड़ा हुआ था. लूट की कोई घटना नहीं हुई है. चालक की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की जा रही है. बच्चे से कार मामूली रूप से टच हो गई थी. इस दौरान दूल्हा गुस्से में चला गया था. फिलहाल गांव में शांति है और शादी कराई जा रही है. इस घटना से कई सवाल खड़े होते हैं. क्या यह घटना हमारे समाज में तनाव का संकेत है? क्या हम अपने समाज में इतने संवेदनशील हैं कि एक छोटी-सी घटना इतना बड़ा रूप ले ले? इन सवालों के जवाब हमें अपने समाज के बारे में दोबारा सोचने की जरूरत है. तभी हम अपने समाज को बेहतर बना सकते हैं. इस घटना से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने समाज में होने वाली घटनाओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. हमें अपने समाज के लोगों के प्रति प्यार और सम्मान दिखाना चाहिए. तभी हम अपने समाज को शांति और सद्भाव से भरा बना सकते है.






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