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'भीमराव अंबेडकर के साथ पूर्व सीएम की आधी तस्वीर को लेकर प्रदर्शन, समाजवादी पार्टी के सदस्यता रद्द करने की मांग! क्या अखिलेश यादव की तुलना बाबा साहब से कर रहे हैं?'
आज, अलीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्त्ताओं पर डॉ भीमराव अंबेडकर से अखिलेश यादव की तुलना करने का आरोप लगाया है. इस मामले को लेकर बुधवार को भाजपा नेताओं ने अलीगढ़ में प्रदर्शन किया है. भाजपा नेताओं का कहना है कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता अखिलेश यादव की तुलना बाबा साहब से कर रहे हैं. भाजपा नेताओं ने इसको बाबा साहब का अपमान बताया और प्रदर्शन किया है.
अखिलेश यादव को छायाचित्र भेंट करने पर छिड़ा विवाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का एक छायाचित्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इस वायरल छायाचित्र में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को एक तस्वीर भेंट करते हुए नजर आ रहे हैं. तस्वीर में आधा चेहरा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का है और आधा अखिलेश यादव का है. इस तस्वीर में नीचे एक स्लोगन भी लिखा हुआ है. फिलहाल भाजपा नेता इसे बाबा साहब का अपमान बता रहे हैं और प्रदर्शन किया है.
समाजवादी पार्टी की सदस्यता रद्द करने की मांगअलीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन के दौरान हाथों में तरह-तरह के पोस्टर बैनर लेकर नारेबाजी की गई है. मीडिया से बातचीत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष चौधरी कृष्ण पाल सिंह (लाला) ने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता अखिलेश यादव की तुलना बाबा साहब से करते हैं. बाबा साहब संविधान के निर्माता है और आज उन्हीं के संविधान पर देश चलता है. सपा के नेता अखिलेश यादव की तुलना बाबा साहब से कर रहे हैं जो कि बाबा साहब का घोर अपमान है. उन्होंने देश की राष्ट्रपति से समाजवादी पार्टी की सदस्यता रद्द करने की मांग की है.
इस घटना ने पूरे देश में तहलका मचा दिया है. सभी लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या अखिलेश यादव की तुलना बाबा साहब से कर रहे हैं. क्या यह एक राजनीतिक हतकंडा है जिसका मकसद है कि समाजवादी पार्टी की सदस्यता रद्द कर दी जाए.
इतिहास में देखा गया है कि कैसे राजनीतिक दल ने दूसरे दल के नेता की आलोचना की है. लेकिन इस मामले में तो बाबा साहब की छवि का अपमान किया गया है. यह क्या राजनीतिक हतकंडा है जिसका मकसद है कि समाजवादी पार्टी की सदस्यता रद्द कर दी जाए.
यह सवाल उठता है कि क्या समाजवादी पार्टी की सदस्यता रद्द की जाएगी. क्या अखिलेश यादव की तुलना बाबा साहब से कर रहे हैं. क्या यह एक राजनीतिक हतकंडा है जिसका मकसद है कि समाजवादी पार्टी की सदस्यता रद्द कर दी जाए. इन सभी सवालों का जवाब अभी आना बाकी है.