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राज्यसभा सांसद पर हमले के विरोध में कार्यकर्ताओं और पुलिस में जमकर धक्का-मुक्की, अब क्या होगा अगला कदम?
अलीगढ़ में गुरुवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया, जिसकी वजह से कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। ✨ कार्यकर्ताओं ने सपा राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन पर हुए हमले का विरोध जताया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। इस दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात की गई। 🔥 समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष लक्ष्मी धनगर ने सरकार पर सांसद की हत्या कराने का आरोप लगाया। ✨
उन्होंने कहा कि पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की है। कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की सपा कार्यकर्ताओं ने एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इसके बाद सपा छात्र सभा के कार्यकर्ता पुतला जलाने के लिए आगे बढ़े।
पुलिस ने पुतला छीनने का प्रयास किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई।
यह पूरा घटनाक्रम क्या है और क्यों हो रहा है, यह समझने के लिए हमें समाजवादी पार्टी के इतिहास और उसके नेता रामजीलाल सुमन के राजनीतिक करियर पर नजर डालनी होगी। रामजीलाल सुमन पिछले कई साल से राजनीति में सक्रिय हैं और समाजवादी पार्टी के नेता हैं।
उन्होंने कई बार विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ा है। लेकिन पिछले कुछ साल से वे राज्यसभा सांसद हैं। इससे पहले कई बार रामजीलाल सुमन पर हमला हो चुका हालात है और सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है लेकिन सरकार ने कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की है।
इस वजह से कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच टकराव हो रहा है। पुलिस ने अब तक सिर्फ खानापूर्ति की है, लेकिन कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की है। रामजीलाल सुमन पर लगातार हमले सरकार के इशारे पर हो रहे हैं।
इसलिए पुलिस कोई कड़ी कार्रवाई नहीं कर रही। कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति से सांसद रामजीलाल सुमन की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। यह मांग क्यों की गई है और सरकार क्या जवाब होगा, यह देखना होगा। लेकिन इतना तय है कि यह घटना अलीगढ़ की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है और इससे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और पुलिस के बीच टकराव होगा।