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रात भर बिजली गुल, एएमयू में दौड़ा छात्राओं के क्रोध का करंट, रोकी वीसी की गाड़ी 💡🚗

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एएमयू के वीमेंस कॉलेज के अब्दुल्ला हॉस्टल में 26 अप्रैल को रातभर बिजली गुल रही। जब 27 अप्रैल सुबह तक बिजली नहीं आई तो छात्राओं ने जमकर हंगामा काटा। ✅ हाथों में थालियां और हाथ में पंखे लेकर छाता लगाकर हॉस्टल के दरवाजे पर बैठ गईं।

समस्या सुनने पहुंचीं कुलपति प्रो नईमा गुलरेज की गाड़ी को छात्राओं ने घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। ✅ इतना ही नहीं वीमेंस कॉलेज स्थित प्रोवोस्ट ऑफिस पर भी ताला जड़ दिया। 💡

यहां पहुंचे थाना सिविल लाइन के इंस्पेक्टर से भी तीखी नोकझोंक हुई। छात्राओं का कहना था कि शनिवार रात से बिजली नहीं है। उनकी समस्या को कोई सुनने वाला नहीं है।

बाद में एमयू इंतजामिया ने बताया कि भूमिगत बिजली लाइन में आग लग गई थी। जिससे लाइन बंद है। जल्द आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

छात्राओं ने जो दूसरी समस्याएं बताईं हैं उनका भी दस दिन में निस्तारण कर दिया जाएगा। इस पर छात्राएं शामिल हुईं और छात्रावास में वापस लौट गईं।

दरअसल एएमयू के मुख्य परिसर में बने 33 केवीए के सब स्टेशन से 11 केवीए का एक फीडर वीमेंस कॉलेज तक भूमिगत आ रहा है। शनिवार की रात 12 बजे इस अंडर ग्राउंड लाइन में आग लग गई और पूरे वीमेंस कॉलेज सहित यहां परिसर में बने अब्दुल्ला हॉस्टल में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। हॉस्टल में 2500 छात्राएं रहती हैं।

रविवार सुबह 8 बजे तक बिजली नहीं आई, पानी का भी संकट हो गया। इससे आक्रोशित छात्राएं कॉलेज परिसर में ही हॉस्टल के बाहर आ गईं। यहां एएमयू की कक्षा 11 की प्रवेश परीक्षा भी थी।

प्रॉक्टर ऑफिस और कॉलेज प्रोवोस्ट ऑफिस के लोग मौके पर पहुंचे लेकिन छात्राएं कुलपति प्रो. नईमा गुलरेज को बुलाने की मांग करने लगीं। छात्राएं छाता लेकर तपती धूप में धरने पर बैठ गईं।

थाली पीटकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। दोपहर करीब 1:30 बजे कुलपति प्रोफेसर नईमा गुलरेज मौके पर पहुंचीं, लेकिन वह आधा घंटे तक अपनी गाड़ी में ही बैठी रहीं।

इससे छात्राएं भड़क गईं। बाद में तीन छात्राएं कुलपति से बातचीत करने उनकी कार तक आईं। यहां पर बातचीत बेनतीजा रही और छात्राएं धरना प्रदर्शन करती रहीं। छात्राओं का रोष देख कुलपति गाड़ी से उतरकर उनके बीच पहुंचीं, लेकिन इसी दौरान छात्राओं ने पानी दो, बिजली दो और इंतजामिया नकारा है, हम न्याय चाहते हैं जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए।

इसके बाद कुलपति प्रो. गुलरेज प्रोवोस्ट कार्यालय पहुंच गईं। यहां पर कुछ छात्राओं को भी बुलाया गया। छात्राओं ने अपनी समस्याएं रखीं।

बताया कि बिजली पानी के तात्कालिक संकट के अलावा ह़ॉस्टल का रखरखाव बहुत खराब है। दीवारों पर सीलन है। कैंटीन का खाना खराब है।

छात्राएं तत्काल समाधान चाहती थीं लेकिन कुलपति इसके लिए वक्त मांग रही थीं। यहां से कुलपति उठ कर कॉलेज के अंदर चली गईं।

सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें घेरा बनाकर प्रोवोस्ट कार्यालय से कॉलेज के अंदर तक पहुंचाया। अब छात्राओं ने प्रोवोस्ट ऑफिस का गेट बंद कर उस पर ताला जड़ दिया।

कुलपति जब यहां से जाने को अपनी गाड़ी में बैठीं तो छात्राएं उनकी गाड़ी के आगे खड़ी हो गईं। एक बार फिर सुरक्षा कर्मी कुलपति को गाड़ी से कॉलेज में ले गए।

कॉलेज का गेट बंद कर दिया तो छात्राओं ने धक्का मारकर गेट खोलने की कोशिश की। किसी तरह कुलपति को कॉलेज के पीछे के गेट से सुरक्षित निकाला गया। दोपहर तीन बजे एएमयू प्रशासन और कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को कुलपति की ओर से आश्वासन दिया कि 10 दिन के अंदर उनकी सभी समस्याएं दूर की जाएंगी, इसके बाद ही छात्राओं का रोष शांत हुआ। वीमेंस कॉलेज परिसर में सीनियर सेकेंडरी स्कूल को कक्षा 11 की परीक्षा का केंद्र बनाया गया था।

यहां पर पहली पाली की परीक्षा दोपहर 12 बजे समाप्त हुई तो पेपर देकर बाहर आ रही छात्राओं को धक्का मुक्की के साथ सुरक्षा कर्मियों ने बाहर निकला। यह देखकर कॉलेज के बाहर खड़े उनके अभिभावकों को चिंता होने लगी। उन्होंने व्यवस्थाओं को लेकर नारेबाजी की।

किसी तरह सुरक्षा कर्मियों ने स्थिति को संभाला। छात्राओं को बाहर निकाला। अभिभावकों को शांत किया।

हॉस्टल में खाने की गुणवत्ता की भी समस्या रहती है। कई बार शिकायत कर चुके हैं। कोई बताने वाला नहीं था कि बिजली क्यों नहीं है।

पूछने पर सही से जवाब नहीं देते । हॉस्टल में कमरे की दीवारों पर सीलन है।

कोई देखने सुनने वाला नहीं है हॉस्टल में बिजली के साथ पानी का भी संकट हो गया। इसके समाधान के लिए कुछ नहीं किया। बिजली पानी की समस्या को लेकर छात्राओं ने प्रदर्शन किया था। उनको समझाया गया।

उनकी बात सुनी गई। 10 दिनों में छात्राओं की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। हॉस्टल में पावर बैकअप की व्यवस्था भी की जाएगी।






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