स्वास्थ्य

टिटनेस के इंजेक्शन के लिए क्यों इंतजार करना पड़ रहा है? सिफारिश पर लग रहे टिटनेस के इंजेक्शन, अस्पताल पहुंचने वालों को कह रहे अगले दिन आना

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अलीगढ़ के सरकारी अस्पतालों में टिटनेस का इंजेक्शन भी सिफारिशों पर लग रहा है। 🔥 जिसकी कोई पहचान नहीं है उसे अस्पताल से यह कहकर टरका दिया जा रहा है कि इस चोट पर इंजेक्शन की कोई जरूरत नहीं है। 🌟 इस प्रकार के मामले अफसरों तक पहुंचने लगे हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही। 💡

यह वाक्या अलीगढ़ जिले के सरकारी अस्पतालों में टिटनेस के इंजेक्शन की कमी के बीच में हो रहा है। जहां मरीज टिटनेस के इंजेक्शन के लिए तरस रहे हैं, वहां चिकित्सा कर्मी उन्हें अगले दिन आने की कहकर टरका दिया जा रहा है। इस प्रकार के मामले अफसरों तक पहुंचने लगे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

यहां एक बात की जांच करना जरूरी है कि टिटनेस के इंजेक्शन की कमी के पीछे क्या理由 है? क्या यह चिकित्सा व्यवस्था में कमी का नतीजा है? केस-1 में फूल कुमार ने मंगलवार रात 8:30 बजे शहर के सराय बारहसैनी में चोट लग गई थी। काफी खून बह गया।

वह रात को 9 बजे मलखान सिंह जिला अस्पताल में पहुंचा। वहां कह दिया गया कि कल आना। वह काफी गुहार लगाता रहा मगर उसकी नहीं सुनी गई।

बुधवार को फिर वह अस्पताल में पहुंचा। यहां फिर नहीं लगाया गया। बाद में भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री से फोन कराया तब 11 बजे उसके इंजेक्शन लग सका।

सराय हकीम निवासी मोहम्मद मुगीश को भी मंगलवार को चोट लगी थी। लोहे से चोट लगी थी लिहाजा वह टिटनेस का इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल पहुंचे।

वहां चिकित्सा कर्मी ने कह दिया कि इसमें इंजेक्शन की जरूरत नहीं है। मुगीश अगले दिन फिर पहुंचा और पूर्व विधायक से फोन कराया।

तब इंजेक्शन लग सका। अशोक नगर निवासी विनोद पांडेय को बाइक की किक से पैर में चोट लग गई थी। जब परिवार वालों ने कहा तो वह भी इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल पहुंचे। मगर कल आने की कहकर वापस भेज दिया।

बुधवार को वह अस्पताल पहुंचे तो एक कांग्रेस नेता की सिफारिश पर इंजेक्शन लग सका। जिला अस्पताल में एक बीमार व्यक्ति की 28 अप्रैल को उपचार के दौरान मौत हो गई थी। शिनाख्त नहीं होने पर अस्पताल प्रशासन ने शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया था। जहां शव एक सप्ताह तक रखा रहा।

मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम हो गया। सीएमएस डॉ. जगवीर सिंह ने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों से जवाब मांगा गया है।

यह मामला अलीगढ़ जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था की कमी का नतीजा है? क्या यह टिटनेस के इंजेक्शन की कमी के पीछे है? क्या यह चिकित्सा कर्मियों की लापरवही का नतीजा है? यहां एक बात की जांच करना जरूरी है कि टिटनेस के इंजेक्शन की कमी के पीछे क्या वजह है? इस मामले में एक बात स्पष्ट है कि अलीगढ़ जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था में टिटनेस के इंजेक्शन की कमी है। यह टिटनेस के इंजेक्शन की कमी के पीछे है? क्या यह चिकित्सा कर्मियों की लापरवही का नतीजा है? यहां एक बात की जांच करना जरूरी है कि टिटनेस के इंजेक्शन की कमी के पीछे क्या वजह है? क्या यह स्वास्थ्य व्यवस्था में लापरवाही का नतीजा है?






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