शिक्षा

हाथरस जिले का 28 वां स्थापना दिवस: 28 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव!

  • Share on Facebook
कल हाथरस जिले का 28 वां स्थापना दिवस है। 🌟 हाथरस जिले की स्थापना 3 मई 1997 को हुई थी। तत्कालीन ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय की पहल पर इसे जिला बनाया गया था। ✅

अलीगढ़ की हाथरस, सिकंदराराऊ तहसील और मथुरा की सादाबाद तहसील को मिलाकर नया जिला बनाया गया। ✨ लेकिन 28 साल बाद भी जिले में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। जिला न्यायालय का नया भवन अभी निर्माणाधीन है।

जिला कारागार के लिए भूमि का चयन हो चुका है, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। 5 वर्ष पूर्व घोषित मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

जमीन आवंटित होने के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई है। स्वास्थ्य सेवाएं अपर्याप्त हैं।

कई जिला स्तरीय कार्यालय अभी तक स्थापित नहीं हुए हैं। परिवहन सेवाओं की भी कमी है। छात्र रौनक वार्ष्णेय के अनुसार, जिले में व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था नहीं है।

एक कैंटीन संचालक अशरफ का कहना है कि परिवहन सुविधाएं अपर्याप्त हैं। कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव नहीं है और ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसें नहीं चलतीं। व्यापारी जयप्रकाश वार्ष्णेय के अनुसार, मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद भी अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।

राजनेता लगातार कह रहे हैं कि जल्दी ही मेडिकल कॉलेज बनने वाला है लेकिन आज तक एक ईंट नहीं रखी गई। यहां के मरीजों को अक्सर बाहर जाना पड़ता है। अभी तक नहीं बना जिले में ट्रांसपोर्ट नगर किशन शर्मा का कहना है कि इस जिले को बने 28 साल हो गए लेकिन यहां कोई बड़ा उद्योग धंधा नहीं लगा। यहां रोजगार का अभाव है और यहां के तमाम लोग बाहर जाकर काम धंधा करने के लिए मजबूर हैं।

कोमल बघेल का कहना है कि 28 साल बाद भी जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बेहद लचर स्थिति में हैं। यहां उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं है।

ट्रांसपोर्ट नगर भी अभी तक नहीं बना। कई बड़ी समस्याओं से यहां के लोग जूझ रहे हैं और इस तरफ यहां जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे। इस जिले का इतिहास कुछ और है। हाथरस जिले की स्थापना 3 मई 1997 को हुई थी और यह अलीगढ़ की हाथरस, सिकंदराराऊ तहसील और मथुरा की सादाबाद तहसील को मिलाकर बनाया गया था।

तत्कालीन ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय की पहल पर इसे जिला बनाया गया था। लेकिन अब 28 साल बाद भी जिले में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यह जिला न्यायालय का नया भवन अभी निर्माणाधीन है, वहीं जिला कारागार के लिए भूमि का चयन हो चुका है, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। 5 वर्ष पूर्व घोषित मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

जमीन आवंटित होने के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई है। इस जिले की समस्याएं और बढ़ गई हैं। स्वास्थ्य सेवाएं अपर्याप्त हैं, वहीं परिवहन सेवाओं की भी कमी है।

छात्र रौनक वार्ष्णेय के अनुसार, जिले में व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था नहीं है। एक कैंटीन संचालक अशरफ का कहना है कि परिवहन सुविधाएं अपर्याप्त हैं।

कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव नहीं है और ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसें नहीं चलतीं। व्यापारी जयप्रकाश वार्ष्णेय के अनुसार, मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद भी अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। राजनेता लगातार कह रहे हैं कि जल्दी ही मेडिकल कॉलेज बनने वाला है लेकिन आज तक एक ईंट नहीं रखी गई।

यहां के मरीजों को अक्सर बाहर जाना पड़ता है। अब प्रश्न यह है कि यह जिला अपनी समस्याओं से कैसे निकाला जाएगा? क्या राजनेता इसे लेकर कोई ठोस कदम उठाएगा? यह सवाल सभी के लिए है क्या इस जिले की समस्याओं को सुलझाया जा सकेगा?






Leave a Reply

Login Here