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अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर मासूम का अपहरण: सुरक्षा सुरक्षा तंत्र फेल क्यों?
मेरी रूपा को ढूंढ दो साहब। 💡 वह रो रही होगी। हम नहीं जी पाएंगे उसके बिना। सोना मांझी की यह पुकार अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक गूंजती रही। 🔥
धर्मेंद्र और उसकी पत्नी ने एक-एक हिस्सा छान मारा। लोगों को उसका फोटो दिखाते। देर रात तक तलाश होती रही मगर बच्ची कहीं नजर नहीं आई। 💡
परिवार ने कहा कि जब तक उनकी बच्ची नहीं मिलेगी वह यहां से हटेंगे नहीं। अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पिछले कुछ सालों में बच्चों का अपहरण एक आम घटना बनता जा रहा है।
पिछले छह साल में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन पुलिस और रेलवे प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिसकी वजह से अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
धर्मेंद्र और उसकी पत्नी सोना मांझी की कहानी काफी दिलचस्प हालात में हाल था। वह अपने परिवार के साथ गांव जा रहे थे लेकिन अचानक उनकी बच्ची का अपहरण हो गया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन बच्ची का पता नहीं लगा पाया है। अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा का सवाल उठा है।
पिछले कुछ सालों में कई बच्चों का अपहरण हो चुका है, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। सुरक्षा कर्मियों की सक्रियता पर सवाल उठा है। इसके अलावा मालती पत्नी झम्मन लाल निवासी नया बांस, सुरीर, मथुरा के मामले में भी बच्ची का अपहरण हो चुका है।
मालती ने बताया कि पति ई-रिक्शा चलाकर परिवार को पालन-पोषण करता है। रक्षाबंधन पर मालती गंगीरी निवासी अपने भाई को राखी बांधने के आई थी। स्टेशन पर वापसी के दौरान एक महिला उसकी एक साल की बेटी लक्ष्मी को खिलाने के बहाने लेकर गायब हो गई।
पुलिस इस घटना में अब तक अगवा बच्ची को तलाश नहीं सकी है। अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा का सवाल उठा है।
इतने सारे मामले सामने आने के बाद भी पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। सुरक्षा कर्मियों की सक्रियता पर सवाल उठा है।
पुलिस को अब तक इस घटना के लिए जवाबदेह ठहराना होगा। क्योंकि जनता की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। यह मामला काफी गंभीर है क्योंकि की सुरक्षा एक बड़े सवाल की ओर इशारा कर रहा है।
अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा का सवाल उठा है, जहां पिछले कुछ सालों में कई बच्चों का अपहरण हो चुका है। पुलिस और रेलवे प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिसकी वजह से अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।