- Home
- अपराध
- धोखाधड़ी का शिकार हुए 72 साल के प्रोफेसर, 12 लाख रुपये ठगे गए और फिर...
अपराध
धोखाधड़ी का शिकार हुए 72 साल के प्रोफेसर, 12 लाख रुपये ठगे गए और फिर...
पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के 72 वर्षीय सेवानिवृत्त प्रोफेसर के साथ साइबर ठगों ने कुछ ऐसा किया जिसने उनकी जिंदगी हिला कर रख दी। इन ठगों ने प्रोफेसर को मानव तस्करी में फंसा बताकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया और फिर 12 लाख रुपये ठग लिए। 💡 सबसे अजीब बात यह थी कि इन ठगों ने प्रोफेसर को डरा धमका कर इतना दबाव डाला कि वह आनन फानन में बैंक गए और अपने खाते से ठग द्वारा बताए गए पुणे के एक खाते में 12 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। ✅ लेकिन प्रोफेसर के साथ यह ठगी इतने दिनों तक चलती रही क्योंकि इन ठगों ने प्रोफेसर के मन में डर पैदा कर दिया था।
प्रोफेसर के मुताबिक इन ठगों ने पहले कॉल किया और खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए मानव तस्करी में फंसा बताकर तत्काल बंगलूरू के पुलिस स्टेशन में बुलाया। प्रोफेसर ने जब आने से इंकार कर दिया तो फिर दूसरे नंबर से व्हॉट्सएप कॉल आई और सीनियर अधिकारी से अकेले में जाकर बात करने का दबाव डाला। ✅ इन ठगों ने प्रोफेसर से उसके खातों की व निजी जानकारियां पूछीं और कहा कि अब किसी को कुछ नहीं बताना।
आइसोलेशन में चले जाओ। अगर कुछ किसी को बताया तो कार्रवाई की जाएगी।
साथ में कहा कि आपके खाते में मानव तस्करी के कमीशन की रकम है। इसकी जांच आरबीआई करेगी। जांच में अगर दोष पाया तो आपको जेल जाना होगा।
अन्यथा बच जाओगे। इस घटना से प्रोफेसर काफी डर गए और फिर वे घर में अलग कमरे में रहने लगे।
एक सप्ताह बाद फिर से कॉल आया और कहा कि अब आपके दूसरे खाते में 19 लाख रुपये हैं। उसकी जांच होगी। इस बार भी प्रोफेसर डर से रकम ट्रांसफर करने बैंक गए। लेकिन इस बार बैंक प्रबंधक को इतनी रकम ट्रांसफर करने पर संदेह हुआ।
उन्होंने प्रोफेसर को बैठाकर बात की तो वे समझ गए। इस बार रकम ट्रांसफर करने से बच गए।
इसके बाद प्रोफेसर ने पुलिस के पास पहुंच मुकदमा दर्ज कराया है। एसएचओ साबर थाना सुरेंद्र कुमार के अनुसार पहली बार की रकम जिस खाते में गई थी। वहां से आगे कई खातों में निकाली गई है।
मुकदमे में जांच जारी है। यह घटना साइबर ठगी की एक और कहानी है जिसमें लोगों के साथ ठगी होती है। लोगों को चाहिए कि वे ऐसी ठगी से बचें और सजग रहें।
साथ में पुलिस की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं ताकि लोगों को इस तरह की ठगी से बचाया जा सके।