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शेखा झील पर वन अधिकारी की जान खतरे में! बीट प्रभारी को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया
शेखा झील पर वन विभाग कर्मियों पर एक दिन की घटना ने पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 3 जुलाई की शाम कार सवार युवकों ने हमला कर दिया और बीट प्रभारी को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। ✅ हमलावरों ने बीट प्रभारी की वर्दी फाड़ दी और उसके सिर पर चोटें मारीं। पुलिस ने मुख्य आरोपी को मौके से दबोच लिया है।
लेकिन सवाल उठता है कि आखिर इतना सब होने दिया क्यों?
यह घटना 24 जून को शाहपुर गांव में अवैध पेड़ काटने पर ट्रैक्टर-ट्रॉली को लकड़ी सहित जब्त कर मुकदमा दर्ज कराने से शुरू हुई थी। 🌟 बीट प्रभारी सचिन चौधरी ने बताया कि ट्रैक्टर स्वामी मनोज ने इस घटना के बाद उन्हें धमकी दे रहा था।
गत दिवस न्यायालय से ट्रैक्टर-ट्रॉली छूटने के बाद 3 जुलाई को मनोज ने फोन फिर धमकाया कि दोबारा से कार्रवाई की तो ट्रैक्टर चढ़ा दूंगा। इसके बाद गाली गलौज करते हुए आमना-सामना करने की कहने लगा। 🔥
बीट प्रभारी का कहना है कि उसने अपने को शेखा झील पर वन दरोगा संजय के साथ खड़ा होने की बात कही। लेकिन मनोज ने इसे अपनी प्रतिष्ठा को खतरा मानते हुए हमला कर दिया। हमलावरों ने बीट प्रभारी की वर्दी फाड़ दी और उसके सिर पर चोटें मारीं। साथियों की सूचना पर पहुंची जलाली पुलिस को देखकर आरोपी कार छोड़ कर खेतों की ओर भाग गए, जिनमें से टीम ने मनोज को दबोच लिया और थाने ले गई।
कार को जलाली चौकी खड़ा कर दिया। थानाध्यक्ष धीरज कुमार ने बताया कि घायल बीट प्रभारी को मेडिकल परीक्षण कराने अलीगढ़ भेजा है। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह केवल एक Attacks on Forestry employees है या कुछ और? क्या पुलिस और प्रशासन ने इसे इतना बढ़ने दिया? क्या यह केवल एक व्यक्ति की प्रतिष्ठा की लड़ाई है या कुछ और? इन सवालों के जवाब दिए जाने चाहिए ताकि समाज में शांति और अमन की वापसी हो।