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भवनगढ़ी में दूसरे दिन फायरिंग की घटना, पुलिस पर दोषियों को बचाने का गंभीर आरोप!
भवनगढ़ी गांव में एक घर चार दिन में दूसरी बार हुई फायरिंग ने इलाके में دहशत फैला दी है। 🚀 यह घटना 30 जून को शुरू हुई जब ग्वालरा के चेंचू, प्रवीण और भवनगढ़ी के भूपेंद्र उर्फ बॉबी ने धमकी देते हुए बीना देवी के घर पर फायरिंग की थी। इतना ही नहीं, बल्कि 1 जुलाई को बीना के बेटे आकाश चौधरी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। 🔥 इसके बाद आरोपियों ने चार जुलाई की रात 11:30 बजे दोबारा बीना देवी के घर दो गोलियां चलाईं।
इसके एक गोली दीवार में लगी और आकाश बाल-बाल बचा। 🌟 इस घटना ने इलाके में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
सबसे पहला सवाल यह है कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया लेकिन कार्रवाई नहीं की क्यों? क्या पुलिस दोषियों को बचाने में लगी हुई है? और अगर हां, तो फिर यह सवाल उठता है कि पुलिस किस तरह से दोषियों को बचाने में मदद कर रही है? क्या पुलिस और अपराधियों के बीच कोई सांठगांठ है? इन सभी सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि पुलिस की भूमिका इस मामले में संदिग्ध है। यह घटना न केवल पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है, बल्कि इलाके में रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर भी खतरा पैदा करती है।
लोगों का कहना है कि पुलिस को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, नहीं तो यह घटना भवनगढ़ी में दहशत फैला सकती है। वहीं बीना देवी ने थाना पुलिस पर उच्चाधिकारियों को गुमराह कर दोषियों को बचाने का आरोप लगा कर एसएसपी से शिकायत करने की बात कही है।
यह घटना भवनगढ़ी के लिए एक खतरे की घंटी है और पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और इलाके में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।