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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जेब से निकाले 6000 रुपये! क्या यह दलालों का खेल है?
ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया में दलालों की दखलअंदाजी एक गंभीर मुद्दा है। अलीगढ़ संभागीय परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनाने के लिए लोग परेशान हैं। ✨ दलाल बिना किसी ड्राइविंग टेस्ट के डीएल बनवाने का दावा करते हैं। 🔥
लाइसेंस बनवाने की फीस 1350 रुपये है, लेकिन यह लोग 6000 रुपये लेकर बिना आरटीओ दफ्तर आए लाइसेंस बनवाने का दावा करते हैं। 💡 इनका कहना होता है कि आपको तो बस एक बार फोटो खिंचवाने के लिए आना होगा। चार से पांच दिन में लाइसेंस मिल जाएगा। इस तरह की शिकायतें मिली हैं।
इनकी गहराई से जांच कराई जाएगी, जो भी इसके लिए जिम्मेदार है, जवाब मांगा जाएगा और ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाई जाएगी। केस-1-पूजा सिंह से वसूल किए छह हजार रुपये। आरटीओ कार्यालय में लर्निंग लाइसेंस की दर 350 रुपये और स्थायी लाइसेंस की दर 1000 रुपये निर्धारित है।
दलाल लर्निंग के लिए 1000 और स्थायी के लिए पांच हजार रुपये वसूल रहे हैं। इस तरह के मामले सामने आते हैं जहां लोगों को दलालों द्वारा ठगा जाता है। लोगों को जागरूक होना चाहिए और ऐसे मामलों की शिकायतें दर्ज करानी चाहिए। आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनवाने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया होनी चाहिए, जिससे दलालों की दखलअंदाजी रुक सके।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जेब से निकाले 6000 रुपये! क्या यह दलालों का खेल है? इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन को तत्काल ध्यान देना चाहिए। लोगों की जेब से पैसा निकालना और लाइसेंस बनवाने का दावा करना एक गंभीर अपराध है। ऐसे मामलों की जांच करानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
इसके अलावा, लोगों को जागरूक होना चाहिए और ऐसे मामलों की शिकायतें दर्ज करानी चाहिए। लाइसेंस बनवाने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया होनी चाहिए, जिससे दलालों की दखलअंदाजी रुक सके। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जेब से निकाले 6000 रुपये! क्या यह दलालों का खेल है? इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन को तत्काल ध्यान देना चाहिए।