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ग्रीन पार्क में क्या हुआ? बिल्डर की ओर से अदालत में मुकदमा दर्ज!
अलीगढ़ महानगर की ग्रीन पार्क सोसाइटी में 30 मार्च को हुए विवाद के मामले में अब बिल्डर पक्ष की ओर से छह लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है. जिसमें मारपीट करने का आरोप लगाया है. अलीगढ़ महानगर की ग्रीन पार्क सोसाइटी का इतिहास काफी पुराना है. यहां पर काफी से लोग रहते हैं, लेकिन इस सोसाइटी में कुछ अलग है. यहां पर बिल्डर और सदस्यों के बीच में विवाद रहता है.
ग्रीन पार्क अपार्टमेंट में 30 मार्च को बैठक हुई थी. इस दौरान बिल्डर व सदस्यों में विवाद हो गया. मामले में बिल्डर व उनके बेटों ने सदस्यों से मारपीट के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. तभी कमेटी को भंग करते हुए नए सिरे से चुनाव कराए गए. इसमें नियुक्त संयुक्त सचिव कुलदीप वार्ष्णेय समेत छह लोगों के खिलाफ अब बिल्डर संजीव पाराशर की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है.
संजीव पाराशर ने कहा है कि आंखों की समस्या के चलते वे डेढ़ माह से अवकाश पर चल रहे थे. अध्यक्ष अनूप गुप्ता के बुलाने पर 30 मार्च को हुई बैठक में शामिल हुए. बैठक अच्छे वातावरण में चल रही थी. तभी अमित निर्मल राठौर कुर्सी उठाकर अचानक मारने के लिए दौड़े. यतेंद्र वार्ष्णेय ने मुश्किल से उनको पकड़ा. उसी दौरान संजीव के बेटे ईशान व पार्थ बाहर टहल रहे थे. हमला होते देख ईशान के अंदर आते ही वैभव राठी, कुलदीप वार्ष्णेय, आदित्य वार्ष्णेय, राघव उपाध्याय, नितिन माहेश्वरी, दीप अग्रवाल कुर्सी लेकर हमलावर हो गए और मारपीट करना शुरू कर दिया.
बीच- बचाव पर पार्थ से वैभव ने मारपीट की. ईशान की आंख पर मुक्के से प्रहार किया. संजीव पाराशर के अनुसार घटना की सूचना रात में ही महुआखेड़ा पुलिस को तहरीर दी. बेटा का मेडिकल कराने दीनदयाल अस्पताल पहुंचे. तब तक उनके व उनके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया था. पुलिस ने उनके बेटे का मेडिकल कराने से मना कर दिया. फिर एसएसपी से गुहार लगाई. एसपी सिटी आए और बयान लिए. साक्ष्य पेश करने के बाद भी मुकदमा नहीं लिखा गया. इसके बाद न्यायालय का सहारा लिया. महुआखेड़ा पुलिस के अनुसार मामले में वैभव, कुलदीप, आदित्य, राघव, नितिन, दीप समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
इस घटना से अलीगढ़ महानगर के लोगों में आक्रोश है. लोग पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में लापरवाही दिखाई है. पुलिस को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. अगर पुलिस ने इस में कार्रवाई नहीं की तो लोगों में आक्रोश और बढ़ेगा. इस घटना से अलीगढ़ महानगर के लोगों में डर का माहौल है. लोग अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि अलीगढ़ महानगर की पुलिस काफी लापरवाही है. पुलिस को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. अगर पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की तो लोगों में आक्रोश और बढ़ेगा. इससे अलीगढ़ महानगर का माहौल और खराब होगा. 🔥