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197 पिलर से थमेगा यूपी-हरियाणा के बीच 51 साल पुराना विवाद, किसानों के बीच 3474 एकड़ भूमि पर है झगड़ा 🏢💥
उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों के बीच यमुना खादर की भूमि पर चले आ रहे सीमा विवाद के जल्द समाधान की उम्मीद जगी है। ✨ 51 साल बाद फिर से सीमा के निर्धारण के लिए पिलर लगाने का काम शुरू होने जा रहा है। ✅ 126 करोड़ रुपये से सहारनपुर से अलीगढ़ के बीच करीब 1287 पिलर लगाए जाएंगे। 🔥 इनमें अलीगढ़ की सीमा में 197 पिलर लगेंगे।
हाल ही में इस संबंध में शासन स्तर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये राजस्व आयुक्त, सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक, मंडलायुक्त मेरठ, अलीगढ़, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, सहारनपुर, शामली जिलों के अधिकारियों के बीच बैठक हुई है। इसमें जल्द पिलर लगाने का कार्य शुरू करने पर जोर दिया गया है।
खास बात यह भी है कि हरियाणा और यूपी में दोनों जगह भाजपा की ही सरकार है। पहले दोनों राज्यों में अलग-अलग सरकार होने पर हितों का टकराव होता रहता था। इस बार जो पिलर लगाए जा रहे हैं, उनका डिजाइन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने तैयार किया है।
सैटेलाइट सर्वे के आधार पर सर्वे ऑफ इंडिया ने सीमा का निर्धारण किया है। हरियाणा और यूपी के किसानों के बीच यमुना किनारे की 325 किलोमीटर की भूमि इस विवाद की जद में है। आजादी के पहले से किसानों से बीच इसको लेकर संघर्ष होता रहा है।
1970 के दशक में केंद्र सरकार ने इसके समाधान के लिए दीक्षित अवार्ड घोषित किया था। इसकी सिफारिशों के अनुरूप वर्ष 1974 में पिलर लगाए गए थे। इन पिलर में कुछ यमुना की बाढ़ में बह गए तो कुछ को किसानों ने उखाड़ दिया।
विवाद बरकरार रहा और किसानों के बीच खूनी संघर्ष होते रहे। प्रदेश स्तर से ही यूपी-हरियाणा के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को हल करने के लिए पिलर लगाए जाएंगे।
जिले में कुल 197 पिलर लगेगे। इससे प्रभावित किसानों को फायदा मिलेगा।
यह है विवाद का कारण यमुना नदी की धारा के परिवर्तन करने के कारण जिले के टप्पल क्षेत्र के किसानों की 2188 एकड़ भूमि हरियाणा की ओर चली गई। जिला पलवल हरियाणा के किसानों की 1286 एकड़ भूमि अलीगढ़ की सीमा में आ गई है। इसी जमीन को लेकर दोनों राज्यों के किसानों के बीच विवाद बना रहता है। हरियाणा के बिलोचपुर, काशीपुर, अतवा, कुशक, थातकोनगर, सुल्तानपुर, मुर्तजाबाद अलीगढ़ के ललितपुर रईयतपुर, शेरपुर, समस्तपुर, घरबरा, मालव, गिरधरपुर, ऊंटासानी, धारागढ़ी।
हरियाणा- 123 अलीगढ़- 589 इस बार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने तैयार किया है पिलर का डिजाइन मजबूत होगा पिलर, न किसान उखाड़ पाएंगे और न ही बाढ़ पहुंचा पाएगी नुकसान 1974 में दीक्षित अवार्ड के तहत लगाए गए थे सीमा निर्धारण के लिए पिलर 22 मीटर लंबाई वाले पिलर का 20 मीटर हिस्सा होगा जमीन के अंदर