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नौरंगाबाद से ऑनलाइन भुगतान के किंग बनने की शानदार कहानी
विजय शेखर शर्मा की कहानी एक मोटीवेशनल स्टोरी है जिसके माध्यम से हमें यह समझ आता है कि अगर हमारे पास दृढ़ संकल्प है और कड़ी मेहनत कर रहे हैं, तो हम किसी भी सपने को साकार कर सकते हैं। विजय शेखर शर्मा ने अपने जीवन की शुरुआत अलीगढ़ के नौरंगाबाद से की थी। उनका जन्म 15 जुलाई 1978 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। 💡 उनके पिता सुलोम प्रकाश शर्मा स्कूल शिक्षक थे और मां गृहिणी थीं। 🚀
विजय ने 12 वीं कक्षा हरदुआगंज के अग्रसेन इंटर से पास की। एएमयू में बीटेक में एडमिशन नहीं हुआ तो दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी) से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। कॉलेज के दौरान ही विजय ने इंटरनेट और नई तकनीकों में गहरी रुचि हो गई थी।
कॉलेज के दिनों से ही विजय उद्यमिता की दुनिया में कदम रखने को उत्सुक थे। 💡 उन्होंने 1997 में एक्स कोर्प्स नाम की अपनी पहली कंपनी शुरू की, जिसने वेब कंसल्टिंग का काम किया। इस उद्यम में उन्हें सफलता मिली और उन्होंने कई कंपनियों के लिए वेबसाइटें बनाईं। वर्ष 2000 में, विजय ने वन97 कम्युनिकेशंस की स्थापना की, जो मोबाइल सामग्री और वैल्यू-एडेड सेवाओं पर केंद्रित थी।
यह कंपनी पेटीएम की मूल कंपनी बनी। शुरुआत में, कंपनी को कई उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ा। 2010 में, विजय शेखर शर्मा ने भारत में मोबाइल भुगतान की बढ़ती संभावनाओं को पहचाना और वन97 कम्युनिकेशंस के तहत पेटीएम लॉन्च किया। पेटीएम ने मोबाइल रिचार्ज और बिल भुगतान सेवाओं पर ध्यान केंद्रित किया।
2014 में, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम के साथ साझेदारी ने पेटीएम को एक बड़ा बढ़ावा दिया, जिससे लोग रेलवे टिकटों का भुगतान भी कर सकें। 2016 में भारत सरकार द्वारा की गई नोटबंदी ने पेटीएम के लिए गेम-चेंजर साबित हुई। नकदी की कमी के कारण, लाखों लोगों ने डिजिटल भुगतान को अपनाया, और पेटीएम इस क्रांति का एक प्रमुख लाभार्थी बन गया।
अलीबाबा का निवेश (2015): चीनी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ग्रुप ने पेटीएम में बड़ा निवेश किया, जिससे कंपनी को और मजबूती मिली। नोटबंदी (2016): भारत में हुई नोटबंदी पेटीएम के लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुई। कैशलेस इकोनॉमी की मांग बढ़ने से पेटीएम को भारी फायदा हुआ और यह तेजी से लोकप्रिय हुई। पेटीएम पेमेंट्स बैंक (2017): इसी साल पेटीएम पेमेंट्स बैंक की शुरुआत हुई, जिससे कंपनी ने बैंकिंग क्षेत्र में कदम रखा।
पेटीएम मनी भी लॉन्च हुआ। आईपीओ (2021): नवंबर 2021 में, पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई। यह भारत के सबसे बड़े आईपीओ में से एक था।
बाजार में हिस्सेदारी: एक समय पेटीएम ने ऑनलाइन भुगतान गेटवे उद्योग में 50 फीसदी से अधिक बाजार हिस्सेदारी का दावा था। आज पेटीएम ऑनलाइन भुगतान गेटवे उद्योग में 50 फीसदी से अधिक बाजार हिस्सेदारी का दावा करता है। विजय शेखर शर्मा की कहानी हमें बताती है कि अगर हमारे पास दृढ़ संकल्प है और कड़ी मेहनत कर रहे हैं, तो हम किसी भी सपने को साकार कर सकते हैं।