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उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक का जन्म: आर्यावर्त बैंक सहित तीन बैंकों का हुआ विलय, जानें क्या होगा फायदा
उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के नाम से एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। अलीगढ़ जिले में आर्यावर्त बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय व 74 शाखाएं आज एक मई से उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के नाम से जाने जाएंगे। इसमें तीन प्रमुख क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक आर्यावर्त बैंक, प्रथमा बैंक और बड़ौदा यूपी बैंक का विधिवत विलय हो जाएगा। इस विलय से ग्राहकों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध होगी। ✅
बैंक सेवाओं पर कोई असर नहीं होगा, बल्कि ग्राहकों के और भी बेहतर सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। आज के समय में बैंकिंग सेक्टर में काफी बदलाव आ रहे हैं।
लोग डिजिटल बैंकिंग से जुड़ रहे हैं। ✅ इस विलय से उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में 26 जिले और 22 क्षेत्रीय कार्यालय शामिल होंगे।
ऋण वितरण में वृद्धि होने से किसानों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए लाभ होगा। डिजिटल बैंकिंग का विस्तार करने पर दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचेगी आधुनिक सुविधाएं। 1981 में अलीगढ़ में ग्रामीण बैंक की स्थापना हुई थी। 2006 में अलीगढ़, एटा, आगरा को मिलाकर श्रेयस ग्रामीण बैंक का हुआ गठन। 🔥
2013 में ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त बनी। 2019 में आर्यावर्त बैंक बनी। 2025 में तीन बैंक शाखाओं के विलय के बाद बना नया बैंक उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक। ग्राहक सुविधाओं पर विशेष ध्यान रखने के लिए नाबार्ड की विशेष समिति करेगी निगरानी।
सॉफ्टवेयर परिवर्तन होने पर बैंक ऑफ बड़ौदा का सिस्टम लागू होगा और खातों का माइग्रेशन होगा। अभी खाताधारकों के पास उपलब्ध चेकबुक मान्य होगी।
हालांकि, बाद में नई चेक बुक जारी होगी, खाता संख्या में बदलाव संभावित है। इस विलय से ग्राहकों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध होगी। डिजिटल बैंकिंग से लोगों को अपना कार्य पूरा कर सकेंगे।
साथ ही साथ किसानों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए लाभ होगा। उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक का जन्म एक नया अध्याय है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।