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मौसम ने बदला बिजली का रुख! 1270MW से घटकर 606MW हुआ बिजली उत्पादन, क्या है वजह?

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हरदुआगंज तापीय परियोजना की सात नंबर यूनिट केuddenly बंद होने से बिजली का संकट और गहरा गया है। मौसम में आए बदलाव के बाद बिजली की मांग में कमी आने से हरदुआगंज तापीय परियोजना की सात नंबर यूनिट को बंद कर दिया गया है। परियोजना के महाप्रबंधक एचके गुप्ता ने बताया कि सात नंबर यूनिट को लखनऊ मुख्यालय के आदेश पर 17 जून की रात्रि लगभग 12 बजे बंद किया गया है।

हरदुआगंज तापीय परियोजना की स्थापना 1980 में हुई थी। तब से इस परियोजना ने उत्तर प्रदेश के लिए बिजली उत्पादन में अहम भूमिका निभाई है। 🌟

लेकिन आज इस परियोजना की सात नंबर यूनिट के बंद होने से लोगों में आशंका पैदा हो गई है। 💡 ऐसा पहली बार नहीं है कि मौसम के बदलाव ने बिजली उत्पादन के लिए खतरा पैदा कर दिया हो। पहले भी कई बार मौसम के बदलाव ने बिजली उत्पादन के लिए खतरा पैदा कर दिया है। इस संकट से न केवल हरदुआगंज के लोग बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लोग प्रभावित हो रहे हैं।

इस संकट से बिजली की मांग मेंगी और इससे बिजली की_problem होने की संभावना रहता है। ✨ सरकार के लिए यह एक चुनौती है कि वह बिजली उत्पादन में स्थिरता ला सके।

हरदुआगंज तापीय परियोजना की अब तीन यूनिटों में बिजली उत्पादन हो रहा है। 10 नंबर यूनिट जो 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है, वह केवल 352 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रही है। नौ नंबर यूनिट जो 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है वह केवल 126 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रही है। आठ नंबर यूनिट भी 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है वह 128 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रही है।

बिजली का कुल उत्पादन 1270 मेगावाट से घटकर 606 मेगावाट रह गया है। यह संकट क्या है और क्या होने वाला है, यह प्रश्न हर किसी के लोगों के जहन में है। सरकार के लिए यह एक चुनौती है कि वह बिजली उत्पादन में स्थिरता ला सके। इस संकट से न केवल हरदुआगंज के लोग बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लोग प्रभावित हो रहे हैं।






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