स्वास्थ्य

डॉक्टर बोले- गलत रहन सहन और खराब सड़कों पर वाहन चलाना वजह 💡

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रीढ़ की हड्‌डी में समस्या और पीठ दर्द आज सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है। किशोर और युवाओें में भी आज यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। ✅ इसका सबसे बड़ा कारण गलत दिनचर्या और कार्यशैली में बदलाव और टूटी सड़कों पर तेजी से वाहन चलाना है। 💡 यह जानकारी दिल्ली से आए डॉ भूपेंद्र प्रताप भारती नो दी।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, स्पाइन सर्जरी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर ने बताया कि लोगों को पीठ दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए और इसके प्रति जागरुक रहना चाहिए। ✨ स्वस्थ्य जीवनशैली से ही इससे बचाव किया जा सकता है। यह जानकारी दिल्ली से आए डॉ भूपेंद्र प्रताप भारती नो दी।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, स्पाइन सर्जरी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर ने बताया कि लोगों को पीठ दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए और इसके प्रति जागरुक रहना चाहिए। स्वस्थ्य जीवनशैली से ही इससे बचाव किया जा सकता है। शारीरिक के साथ बढ़ रहा मानसिक तनाव शारीरिक के साथ बढ़ रहा मानसिक तनाव डॉ भूपेंद्र प्रताप ने बताया कि यह समस्या आज एक गंभीर रूप ले रही है। मांसपेशियों में खिंचाव और डिस्क डिजेनेरेशन से लेकर खराब कार्यशैली के कारण लोगों में मोटापा और शारिरिक बीमारियां बढ़ रही हैं।

सके कारण शारीरिक तनाव के साथ मानसिक परेशानियां भी बढ़ी हैं। डॉ भूपेंद्र प्रताप ने बताया कि यह समस्या आज एक गंभीर रूप ले रही है। मांसपेशियों में खिंचाव और डिस्क डिजेनेरेशन से लेकर खराब कार्यशैली के कारण लोगों में मोटापा और शारिरिक बीमारियां बढ़ रही हैं।

सके कारण शारीरिक तनाव के साथ मानसिक परेशानियां भी बढ़ी हैं। इन दिनों दिल्ली समेत अन्य राज्यों में देख जा रहा है कि किशोरों में यह समस्या काफी तेजी से फैल रही है। यही कारण है कि इस समस्या के प्रति लोगों को जागरुक किया जा रहा है।

जिससे युवा जागरुक हो और इस समस्या से बचाव कर सकें। उन्होंने बताया कि नियमित स्ट्रेचिंग, सही बैठने की मुद्रा बनाए रखना, और घर व कार्यस्थल पर एर्गोनोमिक फर्नीचर का प्रयोग करके इससे बचा जा सकता है।

इन दिनों दिल्ली समेत अन्य राज्यों में देख जा रहा है कि किशोरों में यह समस्या काफी तेजी से फैल रही है। यही कारण है कि इस समस्या के प्रति लोगों को जागरुक किया जा रहा है। जिससे युवा जागरुक हो और इस समस्या से बचाव कर सकें।

उन्होंने बताया कि नियमित स्ट्रेचिंग, सही बैठने की मुद्रा बनाए रखना, और घर व कार्यस्थल पर एर्गोनोमिक फर्नीचर का प्रयोग करके इससे बचा जा सकता है। अलीगढ़ में भी चलेगा जागरुकता अभियान अलीगढ़ में भी चलेगा जागरुकता अभियान दिल्ली से आए डॉक्टर ने बताया कि मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज के जरिए अलीगढ़ में भी जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। अलीगढ़ के अस्पतालों के साथ मिलकर यहां सप्ताह में एक दिन ओपीडी चलाई जाएगी, जिससे इस समस्या से पीड़ित लोगों को सही सलाह देकर स्वस्थ किया जा सके।

दिल्ली से आए डॉक्टर ने बताया कि मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज के जरिए अलीगढ़ में भी जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। अलीगढ़ के अस्पतालों के साथ मिलकर यहां सप्ताह में एक दिन ओपीडी चलाई जाएगी, जिससे इस समस्या से पीड़ित लोगों को सही सलाह देकर स्वस्थ किया जा सके। उन्होंने बताया कि मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी में आई प्रगति की मदद से हम आज कई रीढ़ की समस्याओं का इलाज बहुत कम शारीरिक कष्ट के साथ कर पा रहे हैं।

इन तकनीकों में छोटे चीरे, कम रक्तस्राव, तेजी से रिकवरी और न्यूनतम पोस्ट-ऑपरेटिव तकलीफ होती है, जिससे मरीजों को जल्दी स्वस्थ जीवन में लौटने में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी में आई प्रगति की मदद से हम आज कई रीढ़ की समस्याओं का इलाज बहुत कम शारीरिक कष्ट के साथ कर पा रहे हैं।

इन तकनीकों में छोटे चीरे, कम रक्तस्राव, तेजी से रिकवरी और न्यूनतम पोस्ट-ऑपरेटिव तकलीफ होती है, जिससे मरीजों को जल्दी स्वस्थ जीवन में लौटने में मदद मिलती है।






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