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मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की हड़ताल से बिगड़े हालात, चार की मौत, 1200 मरीज बिना उपचार लौटे 🏥💊
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जेएन मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंशियल डॉक्टरों की हड़ताल 24 अप्रैल देर रात को दूसरे दिन भी जारी रही, जिसके कारण इमरजेंसी सेवाएं ठप हो गईं। ✨ इस दौरान आपात उपचार नहीं मिलने से दो दिन में 4 मरीजों की मौत हो गई जबकि लगभग 1200 मरीजों को बिना उपचार के ही अस्पताल से वापस लौटना पड़ा। 23 अप्रैल की रात को कस्बा बरला में सुरेंद्र नाम के एक युवक को उसके ही बड़े भाई ने मारपीट कर घायल कर दिया।
उसे दीनदयाल संयुक्त अस्पताल लाया गया। सुरेंद्र की गंभीर हालत देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। यहां पर समय से उपचार नहीं मिलने के चलते उसकी मौत हो गई। इसी तीन अन्य लोग भी मरे थे। 🔥
परिवार वाले इनके शव लेकर घर चले गए जिनके नाम और पते मालूम नहीं हो सके हैं। । ✅
- मेडिकल कॉलेज के प्रवेश प्वाइंटों पर मेटल डिटेक्टर लगवाए जाएं, जिससे हथियार के साथ कोई व्यक्ति परिसर में प्रवेश न कर पाए - इमरजेंसी के पास अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था रहे। जो इलाज को लिए मरीज के तीमारदारों को अंदर प्रवेश करने से रोके - जिन लोगों ने डाक्टरों के साथ अभद्रता की है, फायरिंग की है, उनकी गिरफ्तारी हो और उनके खिलाफ कार्रवाई हो विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक उठाए कदम - जेएन मेडिकल कॉलेज में अब हथियारों के साथ 15 पूर्व सैनिकों की तैनाती की जाएगी। ये पूर्व सैनिक एएमयू के सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर काम करेंगे।
- जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मेडिकल कॉलेज परिसर में शिफ्ट के अनुसार पुलिस कर्मियों की तैनाती का अनुरोध किया जाएगा। - डॉक्टरों की मांग पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगवा दिए गए हैं। जेएन मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी बंद होने के चलते मेडिकल रोड, धौर्रा, सिविल लाइन, रामघाट रोड, जीटी रोड बन्ना देवी, आदि इलाकों में स्थित निजी नर्सिंग होम में मरीजों की संख्या बढ़ गई।
मेडिकल कॉलेज में अलीगढ़ के अलावा एटा, कासगंज, हाथरस, बदायूं, बुलंदशहर, खुर्जा, शिकारपुर, अनूपशहर, जहांगीराबाद आदि से मरीज यहां पर आते हैं। इसके साथ ही इमरजेंसी लाए गए मेरी किडनी खराब है।
इसके इलाज को आई हूं। इमरजेंसी बंद है। इंतजार करना पड़ रहा है ।
बेटी आलिया को उल्टी दस्त हैं। यहां पर आए तो पता लगा कि हड़ताल है। इलाज नहीं मिला है।
बेटी मदीहा के पेट में दर्द है। जिससे उसे बहुत परेशानी हो रही है। यहां पर इमरजेंसी खुलने का इतंजार है। परिवार के ही रवि ने गलती से कीड़े मारने वाली दवा खा ली है।
हालत बिगड़ने पर यहां लाए हैं। इलाज नहीं मिला है।
22 अप्रैल को हॉर्स शो के दौरान हुई थी घटना 22 अप्रैल को एएमयू में हॉर्स शो के दौरान हुई मारपीट की घटना में घायल एक व्यक्ति को जेएन मेडिकल कॉलेज लाया गया था। वहां पर कुछ लोगों ने इलाज कर रहे रेजीडेंट डॉक्टरों के साथ अभद्रता की और फायरिंग कर दी थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवाएं बंद कर हड़ताल शुरू कर दी थी। हड़ताली डॉक्टरों के साथ बातचीत जारी है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। डॉक्टरों की सभी मांगों पर विचार किया है।
जल्द गतिरोध के समाप्त होने की उम्मीद है। विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ बातचीत हुई है। अब रेजीडेंशियल डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) की आम सभा की बैठक बृहस्पतिवार देर रात को होनी है। इसमें सभी मु्द्दे रखे जाएंगे और फैसला लिया जाएगा।