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जेब होगी ढीली, उद्योगों को ज्यादा पैसा खर्च करना होगा!
अलीगढ़ जिले के उद्योगों ने अब एक नई चुनौती का सामना कर रहे हैं। ✅ प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र के नवीनीकरण शुल्क में एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे उद्योगों पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ने वाला है। यह निर्णय प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
इसके तहत, अलीगढ़ जिले के लगभग ५ हजार उद्योगों को अब प्रदूषण नियंत्रण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अपनी जेबें और ढीली करनी पड़ेंगी। यहां तक कि छोटे-बड़े उद्योगों पर सीधा असर पड़ेगा। 🌟 इस बदलाव से उद्योगों पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ने वाला है, जिससे उद्योगों का पालन करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। 🔥 प्रदूषण उत्सर्जन के स्तर के आधार पर तीन अलग-अलग रंगों में विभाजित किया गया है।
लाल रंग के उद्योग वे हैं जो सबसे अधिक प्रदूषण फैलाते हैं, नारंगी रंग के उद्योग उनसे कम प्रदूषण उत्सर्जित करते हैं, जबकि हरे रंग के उद्योगों का प्रदूषण स्तर सबसे कम है। यह नया वर्गीकरण शुल्क निर्धारण और निगरानी प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस nouvelles नियम से उद्योगों को प्रत्येक वर्ष नवीनीकरण के समय आरंभिक शुल्क के बराबर ही शुल्क देना होगा।
इससे उद्योगों को पर्यावरण नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। लेकिन क्या यह बदलाव उद्योगों के लिए लाभप्रद साबित होगा? क्या यह उद्योगों के लिए एक नई चुनौती पेश करेगा?
प्रदूषण नियंत्रण विभाग के इस新的 नियम से उद्योगों के छोटे-बड़े उद्योगों पर सीधा असर पड़ेगा। इससे उद्योगों के लिए लाभप्रद साबित होगा? क्या यह उद्योगों के लिए एक नई चुनौती पेश करेगा? उद्योगों के लिए यह एक नई चुनौती पेश करेगा तो क्या यह प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों के लिए लाभप्रद साबित होगा?
इन सवालों के जवाब केवल समय ही बताएगा।
लेकिन एक बात साफ है कि इस नई नियम से उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों का दबाव बढ़ेगा और उद्योगों के लिए लाभप्रद साबित होगा।