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मुहर्रम के जुलूस में उमड़ा भीड़, कर्बला में 125 ताजिये सुपुर्द-ए-खाक, दुनिया में आज भी जुल्म हो रहे हैं

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मुहर्रम के जुलूस में उमड़ा भीड़, कर्बला में 125 ताजिये सुपुर्द-ए-खाक, दुनिया में आज भी जुल्म हो रहे हैं। आज हमारे हैं हुसैन... कर्बला में 125 ताजिये सुपुर्द-ए-खाक किए गए, जिसमें हजारों अजादार शामिल हुए। इस अवसर पर मौलाना गरबी ने कर्बला के वाकये का जिक्र किया और अजादारों ने मातम किया।

कर्बला के मुतवल्ली मुख्तार जैदी ने जिला प्रशासन व नगर निगम की व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। 💡 इस अवसर पर पूर्व मेयर मो. फुरकान, सपा नेता अज्जू इशहाक, पूर्व विधायक विवेक बसंल, एएमयू ओल्ड बॉयज सचिव आजम मीर, हाजी चांद, हाजी राशिद, मुस्तकीम, अहमद जैदी, नादिर नकवी, गुलजार अहमद आदि मौजूद रहे।

मुहर्रम के जुलूस में शामिल लोगों ने जोहर की नमाज नुमाइश की मस्जिद में पढ़ी। 🌟 हालांकि, पहले यह नमाज नुमाइश मैदान में पढ़ी जाती थी। कर्बला से देर शाम लौटने के बाद शाम-ए-गरीबां इमामबाड़ों में हुईं। बत्ती, चिराग बुझाकर अंधेरे में कर्बला में इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों की शहादत और इमाम हुसैन के खेमों को जलाने को याद कर Ajadars खूब रोए।

मुहर्रम के जुलूस की निगरानी पुलिस ने ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी से की। 🚀 डीएम, एसएसपी, एडीएम सिटी व एसपी सिटी, सीओ प्रथम सहित पूरा अमला शांति व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सक्रिय रहा। देहली गेट से ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई।

ताजिये देखने को छतों पर उमड़ी भीड़ मुहर्रम के जुलूस में अलम व ताजियों के अलावा बच्चों ने करतब दिखाए। ट्यूबलाइट फोड़े। ढोल-ताशे बजाए। सज्जादा नशीं ने कहा कि 10 मुहर्रम जीनत-ए-इस्लाम है।

जुलूस देखने के लिए सुबह पहले शमशाद मार्केट पर भीड़ उमड़ी। छतों से महिलाओं ने ताजिये देखे व वहीं से मातम भी मनाया।

इसके बाद दोपहर में जब जुलूस देहली गेट पर पहुंचा तो यहां भी आसपास की छतों पर भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं व बच्चे इनमें शामिल रहे। कोई हादसा न हो जाए इसे लेकर पुलिस हिदायत देती रही। दारा शिकोह फाउंडेशन ने केला नगर पर आशिकाने हुसैन के लिए एक सबील का आयोजन किया।

यहा शर्बत वितरित कर अजादारे हुसैन की सेवा। इस अवसर पर अध्यक्ष मोहम्मद आमिर रशीद, तनवीर रशीद, अजीमुद्दीन, बिन्नामी, उजैफा, कामरान, शानू खान, फराज वली, बाबू आदि मौजूद रहे। मुहर्रम के जुलूस में शिया समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।

जुलूस में ताजिये सुपुर्द-ए-खाक किए गए और अजादारों ने मातम किया। मौलाना गरबी ने कहा कि दुनिया में आज भी जुल्म हो रहे हैं। इमाम हुसैन जालिम के मुकाबले में थे और मजलूमों के मददगार थे।

इमाम हुसैन जंग के पक्षधर नहीं थे। उन्हें जंग के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि यजीद चाहता था कि वह दासता स्वीकार करें या जंग लड़ें। कर्बला के मुतवल्ली मुख्तार जैदी ने जिला प्रशासन व नगर निगम की व्यवस्थाओं की प्रशंसा की।

इस अवसर पर पूर्व मेयर मो. फुरकान, सपा नेता अज्जू इशहाक, पूर्व विधायक विवेक बसंल, एएमयू ओल्ड बॉयज सचिव आजम मीर, हाजी चांद, हाजी राशिद, मुस्तकीम, अहमद जैदी, नादिर नकवी, गुलजार अहमद आदि मौजूद रहे। मुहर्रम के जुलूस में शिया समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया और ताजिये सुपुर्द-ए-खाक किए गए। अजादारों ने मातम किया और मौलाना गरबी ने कहा कि दुनिया में आज भी जुल्म हो रहे हैं। इमाम हुसैन जालिम के मुकाबले में थे और मजलूमों के मददगार थे।

इमाम हुसैन जंग के पक्षधर नहीं थे। उन्हें जंग के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि यजीद चाहता था कि वह दासता स्वीकार करें या जंग लड़ें।






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