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अलीगढ़ के स्कूलों में भारी संकट : 58000 बच्चे ने स्कूल छोड़ा, अब 25000 बच्चों का स्कूल गांव से दूर
अलीगढ़ के परिषदीय विद्यालयों में एक भारी संकट है। पिछले चार सालों में 58000 बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है, जिसके कारण स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार घटती जा रही है। ✨
इस संकट की प्रमुख वजह प्राइवेट स्कूलों की तरफ बढ़ता रुझान है, जिसके कारण परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई नहीं हो पा रही है। शिक्षकों की कमी भी इस समस्या की एक प्रमुख वजह है। जिले में 9633 शिक्षकों के पद हैं, जिनमें से 2947 पद खाली पड़े हैं। इससे स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
अभिभावक भी मानने लगे हैं कि इन स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई नहीं होती है, जिसके कारण बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जाना पसंद करते हैं। 🔥 इस संकट से निपटने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने 490 विद्यालयों को पास के दूसरे स्कूलों में विलय करने की तैयारी शुरू कर दी है। 25 जून को पहले चरण में 160 स्कूल पास के स्कूल में समायोजित कर भी दिए गए। क्योंकि धीरे धीरे बाकी स्कूलों का भी विलय होना है तो इस हिसाब से इनमें पढ़ने वाले 25000 बच्चों का स्कूल इनके गांव से करीब एक किलोमीटर दूर हो जाएगा। ✅
अब यह बच्चे घर से दूर के स्कूल में जाएंगे भी या नहीं इसे लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। क्योंकि स्कूलों के विलय से बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ेगा और इसका असर सामाजिक स्तर पर भी दिखेगा। इस संकट से निपटने के लिए शिक्षा विभाग को स्थानीय स्तर पर स्कूलों के विकास के लिए प्रयास करने होंगे और स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिए शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी।
तभी अलीगढ़ के स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ सकेगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा।