स्वास्थ्य

रात में बीमार हुए तो हाथरस में नहीं मिलेगा इलाज? शहर में चिकित्सा सुविधाओं की बदहाली

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हाथरस की चिकित्सा सुविधाओं के अभाव का मुद्दा उठाते हुए, व्यापारी योगेंद्र शर्मा ने कहा कि प्रशासन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) को मिलकर ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि रात में भी निजी चिकित्सक आकस्मिक मरीजों को देखने के लिए उपलब्ध रहें। कम से कम एक या दो अस्पताल रात भर खुलने चाहिए।

इन चिकित्सकों को सुरक्षा भी मिलनी चाहिए। इसी तरह कुछ मेडिकल स्टोर भी रात भर खुलने चाहिए। 🔥

रेडियोलॉजिस्ट डाॅ.विकास शर्मा ने भी चिकित्सकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। ✅ सौरभ वर्मा ने जिले के रेलवे स्टेशनों पर आरक्षण के समय में लगातार कटौती किए जाने की समस्या रखी।

दिनेश सरदाना ने वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे किराये में छूट न दिए जाने का मुद्दा उठाया और शहर के बाजारों में पिंक शौचालयों के के निर्माण की बात कही। कपिल अग्रवाल ने खुले मंच पर अधिकारियों को बुलाकर उन्हें व्यापारियों की समस्याओं से रूबरू कराने का सुझाव दिया। रंग उद्यमी देवेंद्र गोयल ने रंग-गुलाल कारोबार पर जीएसटी की दरों में विसंगतियों पर चर्चा की। नितिन अग्रवाल ने उद्योग बंधु की बैठक के नाम पर रस्म अदायगी का मुद्दा उठाया और कहा कि इस बैठक को जिला प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए।

अनूप अग्रवाल उदय ने सरकारी योजनाओं की जानकारी व्यापारियों तक पहुंचाने पर जोर दिया। अनिल वार्ष्णेय तेल वालों ने सिंगल विंडो सिस्टम को धरातल पर लागू कराने की बात कही, ताकि व्यापारियों को अपनी समस्याओं के निदान के लिए भटकना न पड़े।

सुरेंद्र वार्ष्णेय ने जिले में नशाखोरी की बढ़ती समस्या को गंभीरता से उठाने पर जोर दिया। 🌟 राहुल गुप्ता ने ट्रांसपोर्ट नगर के अभाव में ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को हो रही असुविधा का मुद्दा उठाया और कहा कि यह जल्द से जल्द बनना चाहिए। रवि वार्ष्णेय ने खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लिए जाने वाले नमूनों की जांच की व्यवस्था हाथरस में ही कराने की मांग रखी।

उद्यमी देवेंद्र मोहता ने प्रशासन की तरफ से व्यापारी व उद्यमियों को योजनाओं की विस्तृत जानकारी न दिए जाने की बात कही। मेटल कारोबारी प्रेमप्रकाश शर्मा ने जीएसटी की ओर से बोगस फर्म के नाम पर की जाने कार्रवाई पर सवाल उठाए। सराफा कारोबारी सत्यप्रकाश रंगीला ने सराफा बाजार में माल की खरीद-फरोख्त के नियमों को सरल बनाने की बात कही। राजकुमार वर्मा ने सोने-चांदी की स्थानीय स्तर पर हॉलमार्क की सुविधा न होने की बात कही।

अजय कुमार सारस्वत, दाऊदयाल शर्मा, नीलेंद्र मिश्रा व विमल सिसौदिया ने दवाओं की थोक बिक्री के लिए अलग से बाजार स्थापित करने पर जोर दिया। विजय वार्ष्णेय ने जीएसटी की विसंगतियों को दूर कराए जाने की मांग रखी। अनिल शर्मा, अमित पौरुष और विशाल सोनी का कहना था कि शहर गंदगी से सड़ रहा है, लेकिन सफाई व्यवस्था पर किसी का ध्यान नहीं है। हाथरास की चिकित्सा सुविधाओं की बदहाली, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने की मांग है।

व्यापारी और उद्यमी इस मामले में प्रशासन से मांग कर रहे हैं। सरकार की तरफ से भी इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाना चाहिए। यहाँ पर शहर के चिकित्सा सुविधाओं की बदहाली के कारणों का उल्लेख है, फिर उसके बाद इसके परिणामों का उल्लेख है। फिर शहर के उद्यमियों की समस्याओं का उल्लेख है, और प्रशासन से मांग कर रहे हैं।

फिर जीएसटी की विसंगतियों का उल्लेख है, और सरकार से मांग कर रहे हैं। यह लेख शहर के चिकित्सा सुविधाओं की बदहाली के मुद्दे पर प्रकाश डालता है, और शहर के उद्यमियों की समस्याओं का उल्लेख करता है। फिर प्रशासन से मांग करता है, और सरकार से मांग करता है, ताकि शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाया जा सके।






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