- Home
- अपराध
- सीसीटीवी से साक्ष्य, लेकिन पुलिस क्यों नहीं पकड़ पा रहे चोर?
अपराध
सीसीटीवी से साक्ष्य, लेकिन पुलिस क्यों नहीं पकड़ पा रहे चोर?
अपराध की दुनिया में पुलिस का मुखबिर एक कड़ी था जो किसी भी पेचीदा घटना के खुलासे से लेकर बड़े अपराधियों को पकड़वाने में मददगार साबित होता था। 🌟 लेकिन सीसीटीवी पर आश्रित हुई पुलिस के पास अब भरोसेमंद मुखबिर नहीं रहे। 🔥 यही वजह है कि लूट-चोरी आदि की तमाम घटनाओं में सीसीटीवी साक्ष्य होने के बाद भी उनके खुलासे नहीं हो पा रहे। 🌟 पीड़ित साक्ष्य लेकर घूम रहे।
मगर मजबूत मुखबिरी के अभाव में घटनाओं में शामिल आरोपी नहीं पकड़े जा रहे। - इतिहास पर नजर डालने पर पता चलता है कि पुलिस की कार्यशैली पर गौर करें तो पुराने समय से पुलिस को मुखबिरों पर खर्च करने के लिए जिले वार बजट मिलता है, जिसे गुप्त बजट के रूप में थानों में मुखबिरी पर खर्च किया जाता है।
मुखबिर पालने वाले थानेदार अपने स्तर से भी मुखबिरों पर रुपये खर्च करते हैं। मगर जब वर्ष 2000/2001 से तकनीक का दौर शुरू हुआ और बड़ी घटनाओं के खुलासे के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप व सर्विलांस टीम गठित हुई। तब से मुखबिरी पर पुलिस का फोकस कम होने लगा, क्योंकि ज्यादातर घटनाओं के खुलासे में सर्विलांस व सीसीटीवी बड़े मददगार बने।
बड़े-बड़े अपराधी भी तकनीक की मदद से पकड़े गए। - इस स्थिति के कारण पुलिस की कार्यशैली भी बदल गई है। अब पुलिस सीसीटीवी पर अधिक आश्रित हो गई है, जिसके कारण साक्ष्य मिलने के बाद अपराधी नहीं पकड़ेजा रहे।
हमारी टीमें साक्ष्यों के सहारे लगातार अपराध खुलासे और अपराधियों पकड़ने मे काम करती रहती हैं। हमारे जिले का खुलासा प्रतिशत भी बढ़ा हुआ है। साक्ष्य भी मजबूती से संकलित किए जा रहे हैं।
जो घटनाएं रह रही हैं, उन्हें भुलाया नहीं है। टीमें लगातार काम कर रही हैं। - पुलिस के जानकार बताते हैं कि अब किसी भी घटनास्थल पर पहुंचने पर बारीकी से जांच करने पर कोई न कोई तकनीकी सुराग मिलता है। साथ में पुलिस को भी बीएनएस में वीडियो साक्ष्य बनाने के निर्देश हैं।
- जनवरी 2025 में नगला मान सिंह के रमेश संग बैंक से रुपये निकालकर जाते समय कंपनी बाग के पास रुपये छीने। पीड़ित ने सीसीटीवी जुटाए। फरवरी 2025 में जलालपुर के पास पिता संग जा रही बेटी से तमंचा दिखा मोबाइल छीना गया।
पीड़ित सीसीटीवी लिए घूम रहा। नवंबर 2024 में हमजा कालोनी के शहनवाज के घर में बंधक बनाकर लूट हुई। इस घटना में पीड़ित ने सीसीटीवी जुटा लिए।
सितंबर 2024 में संजय गांधी कालोनी के राजबहादुर से एटीएम से रुपये निकालते समय 25 हजार रुपये ऐंठे गए। पीड़ित ने सीसीटीवी जुटा लिए। - फरवरी 2019 में एएमयू के पास निजी कॉलेज के छात्र सैफ की हत्या सितंबर 2020 में डोरीनगर से गोपाल के इकलौते बेटे की अपहरण/हत्या सऊद अहमद सिद्दीकी निवासी टांडा अंबेडकर नगर।
दुर्दांत अपराधी मुनीर का दाया हाथ है। अलीगढ़ की सहित नौ गंभीर घटनाओं में आरोपी। डीजीपी स्तर से 2015 से 50 हजार का इनाम। यूपी का मोस्ट वांटेड।
पप्पू इतवारी निवासी जहराना, चंडौस। वर्ष 2008 में गांव की किशोरी संग दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोपी।
20 हजार का इनाम घोषित है।