धर्म

परशुराम जयंती की धूम, हाथरस में भव्य आयोजन से पूरा शहर गूँज उठा

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भगवान परशुराम की जयंती के अवसर पर हाथरस में एक भव्य आयोजन किया गया जिसके तहत पूरा शहर गूँज उठा। भगवान परशुराम की प्रतिमा का पंचामृत अभिषेक करके शहर की सभी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई। श्री युवा ब्राह्मण महासभा ने मातृ छाया केंद्र पर भगवान परशुराम जयंती समारोह का आयोजन किया। 🚀 कार्यक्रम की शुरुआत भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई।

वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन और अभिषेक किया गया। श्रद्धालुओं ने हवन में आहुति देकर सुख-समृद्धि की कामना की। कार्यक्रम में विशेष रूप से मातृ छाया केंद्र में रह रहे अनाथ बच्चों को प्रसाद वितरण किया गया। 💡 भगवान परशुराम की जयंती का महत्व इसलिए भी है क्योंकि वे अपने जीवन में समाज सुधार और एकता के लिए लगातार प्रयास करते थे।

उनका मानना था कि समाज की उन्नति के लिए सबका साथ आवश्यक है और इसीलिए उन्होंने के आदर्शों का पालन करना चाहिए। कार्यक्रम में ब्राह्मण सभा के पूर्व अध्यक्ष पंडित अविनाश चंद पचौरी, पंडित जयशंकर पाराशर, आशु कवि अनिल बोहरे, श्याम बाबू चिंतन, बृजेश वशिष्ठ समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। 🌟 कार्यक्रम में समाज के वरिष्ठ जन, युवा और बच्चों की सराहनीय भागीदारी रही। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए।

मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना हुई। भगवान परश्रम की जयंती का सामाजिक महत्व इसलिए भी है क्योंकि इससे शहर के सभी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना होती है जिसके परिणाम स्वरुप शहर में सुख-समृद्धि आती है।

इसके अलावा भगवान परशुराम की जयंती का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इससे शहर के सभी लोग एकजुट होते हैं और समाज सुधार के लिए प्रयास करते हैं। इसके अलावा भगवान परशुराम की जयंती का सामाजिक महत्व भी है क्योंकि इससे शहर के सभी इलाकों में एकता आती है और लोग एकजुट होते हैं।

इस कारण से भगवान परशुराम की जयंती का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इससे शहर के सभी लोग एक साथ आते हैं और समाज सुधार के लिए प्रयास करते हैं।






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