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तीव्र मोड़ पर कार पलटने से पांच लोग घायल, क्या यह जानलेवा साबित होने वाला है?
कस्बा के गोंडा-अलीगढ़ मार्ग पर पानी की टंकी के पास का तीव्र मोड़ हादसों का ब्लैक प्वाइंट बन गया है। इस मोड़ से गुजरने वाले लोगों के लिए यह एक खतरा बन गया है। 25 जून को गंगा स्नान से लौट रहे लोगों की कार मोड़ पर बेकाबू होकर खेतों में पलट गई।
हादसे में पांच लोग घायल हो गए। 🔥 यह घटना एक बार फिर से हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर क्या वजह है कि यह मोड़ हादसों का ब्लैक प्वाइंट बन गया है? क्या यह मोड़ अब जानलेवा साबित होता जा रहा है? इसी प्रकार की घटनाएं पहले भी हुई हैं। बीती 12 मार्च को कार अनियंत्रित होकर गड्ढे में जा गिरी थी, जिसमें कस्बा निवासी मेडिकल स्टोर संचालक दुर्गेश कुमार की मौत हुई थी। ✨
वहीं एक अप्रैल की रात शाहजमाल निवासी इंतजार अहमद बाइक सहित इसी मोड़ पर बेकाबू होकर गड्ढे में जा गिरे थे, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। ✅ इससे पूर्व भी इस स्थान पर हादसे हुए हैं। कस्बे के लोगों का कहना है कि यह मोड़ अब जानलेवा साबित होता जा रहा है।
कस्बे के लोगों ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत करते हुए मार्ग पर तीव्र मोड़ से पहले संकेतक बोर्ड लगवाने और किनारे पर रेलिंग लगवाने की मांग भी कर चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमारे समाज में सुरक्षा के लिए कितना अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
हमें अपने लिए सुरक्षा के लिए अपने आसपास के मोड़ों पर नजर रखना होगा और सुझाव देना होगा कि कैसे इन मोड़ों की सुरक्षा में सुधार कर सकते हैं। इसके अलावा हमें अपने नेताओं से मांग करनी होगी कि वे हमारी सुरक्षा के लिए क्या कर रहे हैं। हमें अपने लिए अपने आसपास के मोड़ों पर नजर रखना होगा और सुझाव देना होगा कि कैसे इन मोड़ों की सुरक्षा में सुधार कर सकते हैं। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर क्या वजह है कि यह मोड़ हादसों का ब्लैक प्वाइंट बन गया है? क्या यह मोड़ अब जानलेवा साबित होता जा रहा है? इन सवालों का जवाब हमें मिल जाएगा यदि हम अपने आसपास के मोड़ों पर नजर रखेंगे और सुझाव देंगे कि कैसे इन मोड़ों की सुरक्षा में सुधार कर सकते हैं।