शिक्षा

अंक पत्र में विसंगतियां: 255 छात्र आहत, विश्वविद्यालय कमेटी बनाएगा

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राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (आरएमपीयू) में अंक पत्र में विसंगतियों से 255 छात्र-छात्राएं परेशान हैं। विश्वविद्यालय में रोजाना पांच शिकायतें अंक पत्र में कम अंक होने या परीक्षा देने के बाद भी अंक पत्र में अनुत्तीर्ण की आ रही हैं।

इसे दूर करने के लिए विश्वविद्यालय एक कमेटी बनाएगी। ✨ यह कमेटी 15 दिन में विद्यार्थियों की शिकायतें दूर करेगी। इस समस्या की जड़ें पिछले साल दिसंबर में हाथरस के सरस्वती डिग्री कॉलेज में हुई थीं, जब अर्चना ने एमए शिक्षा शास्त्र के छह प्रश्न पत्रों की परीक्षा दी थी। अर्चना ने उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर किए थे, लेकिन जब परीक्षा परिणाम आया, तो अंक पत्र में एक प्रश्न पत्र में अनुपस्थित थीं। 🚀

यह सिर्फ एक मामला नहीं है, बल्कि ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं। संतोष कुमार ने बीए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा दी थी। मनमुताबिक अंक नहीं आने पर उन्होंने भी शिकायत की है। विवि के परीक्षा नियंत्रक धीरेंद्र कुमार ने बताया कि अंक पत्र सहित अन्य शिकायतें आ रही हैं। ✨

विद्यार्थियों के प्रार्थना पत्र को कंप्यूटर पर दर्ज कर उन्हें पावती रसीद दी जा रही है। समस्याओं को दूर करने के लिए कमेटी बनाई जाएगी।

आरएमपीयू से संबद्ध महाविद्यालयों में बीए एलएलबी, एमए हिंदी के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा हो गई। यह परीक्षाएं सुबह 8:30 से सुबह 10:30 बजे तक हुईं। 3 जून को एमए हिंदी के द्वितीय सेमेस्टर के चतुर्थ प्रश्न पत्र की परीक्षा थी। प्रश्न पत्र पर शीर्षक “अस्मितामूलक विमर्श” अंकित था, जबकि प्रश्नपत्र में भाषा विज्ञान विषय से जुड़े प्रश्न थे।

विवि प्रशासन ने दोनों परीक्षाएं निरस्त कर दी थीं। यह घटना न सिर्फ छात्रों के مستقبل पर प्रभाव डाल रही है, बल्कि यह शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी प्रकाश रही हैं। इस तरह की घटनाओं से पता चलता है कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।

छात्रों के लिए यह एक बड़ा संकट है, जिनका भविष्य इस तरह की घटनाओं पर निर्भर है। हमें उम्मीद है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा और जल्द से जल्द इसका निदान करेगा। छात्रों के हित में यह मुद्दा सामने आया है और हम उम्मीद करते हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मुद्दे को सुलझा लेगा।






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