स्वास्थ्य

उपमुख्यमंत्री का स्वास्थ्य विभाग पर सख्त एक्शन, जानें क्या है वजह?

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उत्तर प्रदेश के सासनी में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की जानकारी ली।

स्वास्थ्य केंद्र में पड़े कंडम सामान की तत्काल नीलामी के निर्देश दिए गए। ✅ जब उपमुख्यमंत्री ने सीएमओ से एम्बुलेंस सेवा के दैनिक उपयोग के बारे में पूछा, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में रिक्त पदों की स्थिति पर भी सीएमओ ने शासन को पत्र भेजने की बात कही। 🔥

हालांकि, डीडी से फोन पर पूछने पर पता चला कि हाथरस से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री ने 10 लोगों को आयुष्मान कार्ड वितरित किए। 💡 साथ ही टीबी के 10 मरीजों को सामान भी दिया गया।

इस निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग पर सख्त एक्शन लेने की बात कही। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जनता को किसी भी तरह की परेशानी होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस निरीक्षण के दौरान जिला स्तर के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। इस घटना के पीछे की वजह क्या है? क्या स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही है? क्या सीएमओ की जवाबदेही में कमी है? इन सवालों का जवाब हमें इस घटना से मिलता है। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर कई सवाल उठते हैं।

स्वास्थ्य केंद्रों में कंडम सामान की नीलामी के निर्देश क्या इस स्थिति की ओर संकेत करते हैं? क्या सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही है? इन सवालों के जवाब हमें इस घटना से मिलते हैं। इस घटना से पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही है।

सीएमओ की जवाबदेही में कमी है। जनता को किसी भी तरह की परेशानी होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह साफ है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की ओर पर्याप्त ध्यान दे रही हैं। लेकिन फिर भी स्वास्थ्य केंद्र में कंडम सामान की नीलामी के निर्देश क्या इस स्थिति की ओर संकेत करते हैं? इन सवालों के जवाब हमें इस घटना से मिलते हैं।

यह घटना हमें स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति के बारे में सोचने पर मजबूर करती है। क्या सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की ओर पर्याप्त ध्यान दे रही है? क्या स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही है? इन सवालों के जवाब हमें इस घटना से मिलते हैं। इस घटना से पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही है। सीएमओ की जवाबदेही में कमी है।

जनता को किसी भी तरह की परेशानी होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह साफ है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की ओर पर्याप्त ध्यान दे रही है। लेकिन फिर भी स्वास्थ्य केंद्र में कंडम सामान की नीलामी के निर्देश क्या इस स्थिति की ओर संकेत करते हैं? इन सवालों के जवाब हमें इस घटना से मिलते हैं।






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