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तहसील में सिविल जज की कार फंसी: पार्किंग का मनमाना तरीका लोगों के लिए संकट!
तहसील परिसर में मनमाने तरीके से वाहनों की पार्किंग किए जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह समस्या कब शुरू हुई और क्यों? तहसील परिसर में सिविल अदालत के साथ, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के भी कोर्ट है। 💡
एसडीएम और सीओ के कार्यालय के साथ उनके आवास भी हैं। अधिवक्ताओं के बिस्तर भी हैं। 🌟 तहसील परिसर में लोगों का आना-जाना लगा रहता है लेकिन पार्किंग स्थल नहीं होने पर वाहन चालक अपने वाहन मनमाने तरीके से खड़ा कर अपने कार्यों में व्यस्त हो जाते हैं। इस समस्या के फायदे और नुकसान क्या हैं? सिविल जज की कार फंसने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में उनकी कार को निकलवाया।
इस दौरान एक कार का चालान भी किया। 🚀 लेकिन यह समस्या क्यों है? तहसील परिसर में पार्किंग की समस्या कब शुरू हुई? क्या यह सिर्फ तहसील परिसर में ही है या अन्य स्थानों पर भी यह समस्या है?
मंगलवार को दोपहर 12 बजे के करीब सिविल जज (जूनियर डिवीजन) सौरभ मंडोलिया कोर्ट से बाहर निकले तो उनकी कार भी वाहनों के बीच फंस गई। उन्होंने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कोतवाली पुलिस को अवगत कराया।
आनन-फानन में मौके पर पहुंचे दरोगा रामवीर यादव ने उनकी कार को निकलवाया। पुलिस ने इस दौरान एक कार का चालान भी किया। लेकिन इस समस्या से क्या समाधान निकला? क्या यह समस्या सिर्फ तहसील परिसर में ही है या अन्य स्थानों पर भी है?
इस समस्या से तहसील परिसर में लोगों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन पार्किंग स्थल नहीं होने पर वाहन चालक अपने वाहन मनमाने तरीके से खड़ा कर अपने कार्यों में व्यस्त हो जाते हैं। यह समस्या कब शुरू हुई और क्यों? क्या यह समस्या सिर्फ तहसील परिसर में ही है या अन्य स्थानों पर भी है? क्या यह समस्या सिर्फ पार्किंग की समस्या है या इससे बड़ी समस्या है?