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अक्षय तृतीया पर कारोबार की रफ्तार में उम्मीद से कम!

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अक्षय तृतीया का त्योहार, जहां सोने-चांदी और वाहनों के कारोबार ने रफ्तार तो भरी, लेकिन यह उम्मीद के मुताबिक नहीं रही। इस साल सोने के दामों में बड़ा उछाल आने के कारण सराफा बाजार में कारोबार कुछ मंदा दिखाई दिया। कुछ चुनिंदा दुकानों को छोड़कर शहर में सराफा की दुकानों पर इस साल कोई खास भीड़ नजर नहीं आई। इस साल अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी कारोबार 30 करोड़ रुपये पर ही सिमटने का अनुमान है, जबकि एक समय ऐसा था, जब यह कारोबार 50 करोड़ से ऊपर पहुंच जाता था। ✨

लोगों ने इस दिन के लिए सोने-चांदी के जेवर, दोपहिया व चार पहिया वाहनों की बुकिंग कराई थी। उम्मीद थी कि अक्षय तृतीया के दिन कारोबार में और इजाफा होगा। लेकिन इस साल सोने के दामों में बड़ा उछाल आने के कारण सराफा बाजार में कारोबार कुछ मंदा दिखाई दिया। करीब 200 दोपहिया वाहनों की हुई बिक्री इस साल अक्षय तृतीया से पहले दो पहिया व चार पहिया वाहनों की अच्छी बिक्री का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन इस साल भी वाहनों का कारोबार पिछले साल जितना ही रहा।

इस बार जिले में अक्षय तृतीया पर करीब 200 दोपहिया वाहनों की बिक्री होने का अनुमान है। ✅ कुछ चारपहिया और तीन पहिया वाहन भी बिके हैं। ✅ वाहनों के कारोबार का आंकड़ा 10 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

इलेक्ट्रॉनिक्स आयटम की भी हुई खरीद इस साल अक्षय तृतीया पर लोगों ने घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स आयटम की भी खरीदारी की। इनके शोरूम पर भी दिन भर अच्छी-खासी रौनक नजर आई। जरूरत के हिसाब से लोग कोई न कोई आयटम खरीदकर घर ले गए।

लेकिन सवाल ये है कि आखिर अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी और वाहनों के कारोबार में इतना मंदा क्यों आया? क्या सोने के दामों में बड़ा उछाल आने के कारण यह मंदा आया? या फिर कोई और वजह है? इससे पता चलता है कि अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी और वाहनों के कारोबार में कितना मंदा आया है और इससे क्या नतीजा निकलेगा?






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