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बिजली के 200 करोड़ की वसूली में विभाग की सांस फूल रही है!
अलीगढ़ जिले में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 2.25 लाख है और इन लोगों पर विभाग का 200 करोड़ रुपया दबाए बैठे हैं। आज पांच साल बाद भी विभाग के लिए पैसे वसूलने के लिए संघर्ष जारी है। 🚀
बिजली चोरी के खिलाफ लड़ाई में विभाग लगातार कवायद कर रहा है। पांच साल में 35 हजार मुकदमे बिजली चोरी के दर्ज कराए गए हैं। 🚀 इसके अलावा बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए एक बिजली थाना अलग से बना दिया गया है। लेकिन फिर भी 15 फीसदी लाइन लॉस बरकरार बना हुआ है। 🚀
मुख्य रूप से विभाग का बकाया ग्रामीण क्षेत्रों में है। हम वसूली अभियान तेज कर रहे हैं। शासन का भी निर्देश है कि 10 हजार से ज्यादा बकाया वाले उपभोक्ताओं से वसूली तेज की जाए।
पैसा जमा कराने के लिए भी उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह है बिजली की आपूर्ति का ढांचा 609 मेगावाट बिजली की खपत जिले में प्रतिदिन की है 15 फीसदी का लाइन लॉस विभाग बताता है 7.50 लाख बिजली उपभोक्ता जिले में हैं 2.70 लाख बिजली उपभोक्ता शहर में हैं 4.80 लाख बिजली उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्र मे हैं 127 बिजली सब स्टेशन जिले मे हैं 10 डिवीजन में पूरा जिला विभाजित है 2020- 6920 2021 - 9201 2022 - 5997 2023 - 6208 2024 - 6228 2025 - 1050 (अप्रैल तक)
फिर भी यह सवाल है कि विभाग के लिए पैसे वसूलना इतना मुश्किल क्यों है? क्या यह सिर्फ विभाग की लापरवाही है या कुछ और है? हमें यह भी जानना होगा कि वसूली अभियान में विभाग का रोल क्या होगा? क्या यह सिर्फ एक सरकारी नीति है या कुछ और है? इन सवालों के जवाब की तलाश में है। इसके अलावा भी हमें यह जानना होगा कि बिजली चोरी से जिले में होने वाले नुकसान क्या है? क्या यह सिर्फ आर्थिक नुकसान है या कुछ और है? हमें यह भी जानना होगा कि वसूली अभियान में विभाग का रोल क्या होगा? क्या यह सिर्फ एक सरकारी नीति है या कुछ और है? इन सवालों के जवाब की तलाश में है।
निष्कर्ष में हम यह कह सकते हैं कि बिजली चोरी से जिले में होने वाले नुकसान का मुख्य कारण विभाग की लापरवाही है। लेकिन हमें यह भी जानना होगा कि वसूली अभियान में विभाग का रोल क्या होगा? क्या यह सिर्फ एक सरकारी नीति है या कुछ और है? इन सवालों के जवाब की तलाश में है।