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71 साल के इतिहास में पहली बार महिला प्रोफेसर बनीं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो तस्निम सुहेल ने संभाला चार्ज 🎓👩
एएमयू के हिंदी विभाग के 71 साल के इतिहास में पहली बार महिला प्रोफेसर विभाग अध्यक्ष बनीं हैं। पहली महिला विभागाध्यक्ष होने का रिकॉर्ड प्रो. तस्नीम सुहैल ने बनाया है।
उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। 🔥 अब तक 21 अध्यक्ष बने, लेकिन एक भी महिला विभागाध्यक्ष नहीं बनी थीं। वर्ष 1948 में संस्कृत विभाग के जिम्मे हिंदी की पढ़ाई थी। पहले विभाग का नाम संस्कृत-हिंदी विभाग था।
वर्ष 1964 में हिंदी विभाग स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आया। हिंदी विभाग के पहले अध्यक्ष प्रो. हरबंश लाल शर्मा थे, जिनका कार्यकाल वर्ष 1953 से 1974 तक रहा।
इनके बाद प्रो. गोवर्धन नाथ, प्रो. शिवशंकर शर्मा राकेश, प्रो. प्रेम स्वरूप गुप्त, प्रो. गिरिधारी लाल शास्त्री, प्रो. नजीर मोहम्मद, प्रो. विश्वनाथ शुक्ल, प्रो. रवींद्र भ्रमर, प्रो. कुंवर पाल सिंह अध्यक्ष बने। 🔥 फिर प्रो. शैलेश जैदी, प्रो. शिवकुमार शांडिल्य, प्रो. कृष्णमुरारी मिश्र, प्रो. अजब सिंह, प्रो. उदयशंकर श्रीवास्तव, प्रो. प्रदीप कुमार सक्सेना, प्रो. एम. एहतिशाम जुबैरी, प्रो. रमेश चंद्र शर्मा, प्रो. आरिफ नजीर, प्रो. अब्दुल अलीम, प्रो. रमेश चंद, प्रो. आशिक अली के हाथों विभाग की कमान रही। ✨ विभाग की नई अध्यक्ष प्रो. तस्नीम एक सृजनशील लेखिका और अनुवादक हैं। उन्होंने कई पुस्तकों का लेखन और अनुवाद किया है, जिनमें डॉ. शान मोहम्मद की पुस्तक ‘सर सैयदः इतिहास और राजनीति के दर्पण में’ का हिंदी अनुवाद और पाकिस्तानी लेखिका जाहिदा हिना की कहानियों का संकलन शामिल है।