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प्रमुख सचिव की नाराजगी से उठा गेहूं खरीद का बवंडर, अधिकारी घर-घर जाकर खरीदेंगे!
गेहूं की खरीद की धीमी गति ने प्रमुख सचिव की नाराजगी का कारण बना दिया है। इसके बाद, अधिकारी घर-घर जाकर किसानों के दरवाजे तक पहुंचेंगे और खेतों से ही गेहूं की खरीद करेंगे। यह सुविधा प्रमुख सचिव की नाराजगी के बाद शुरू की गई है। 🌟 जिले में 92 मोबाइल क्रय केंद्र की सुविधा शुरू की गई है, जहां क्रय केंद्र प्रभारी गांव-गांव जाकर किसानों का गेहूं खरीदकर 48 घंटे के भीतर उनके खाते में भुगतान ट्रांसफर करेंगे।
गेहूं की खरीद अलीगढ़ में 82,500 मीट्रिक टन) के सापेक्ष 33,499 मीट्रिक टन (18.36 फीसदी) हुई है। 🌟 एटा में 38,000 मीट्रिक टन के सापेक्ष 8,690 मीट्रिक टन (22.8 फीसदी), हाथरस में 33,500 मीट्रिक टन के सापेक्ष 5,514 मीट्रिक टन (16.46 फीसदी) और कासगंज में 26,500 मीट्रिक टन के सापेक्ष 4,223 मीट्रिक टन (15.94 फीसदी) गेहूं की खरीद हुई है।
गेहूं की खरीद की धीमी गति ने जिले की आर्थिक व्यवस्था को प्रभावित किया है। ✨ इसका सीधा प्रभाव किसानों पर पड़ा है, जिनकी आय में कमी आई है। प्रमुख सचिव ने हर हाल में खरीद बढ़ाने का निर्देश सभी आरएफसी को दिया है।
इसके अलावा, खाद्य विभाग के नौ और पीसीएफ के 82 मोबाइल केंद्र बनाए गए हैं, जहां क्रय केंद्र प्रभारी किसानों के दरवाजे तक पहुंचकर गेहूं की खरीद करेंगे। गेहूं की खरीद की यह सुविधा किसानों के लिए काफी राहत देने वाली है, जिनके पास गेहूं की खरीद के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।
इसके अलावा, यह सुविधा सरकार की ओर से किसानों के हित में क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।